डीएनए हिंदी: ब्लड कैंसर का संकेत अचानक से मिलना शुरू होता है और सुबह के समय सबसे पहले ये नजर आता है. ब्लड कैंसर को ल्यूकेमिया कहा जात है और ये तब होता है जब सफेद रक्त कोशिकाओं के डीएनए को क्षति पहुंचती है. कैंसर की कोशिकाएं अस्थि मज्जा (Bone Marrow) में बढ़ने लगती हैं इससे स्वस्थ रक्त कोशिकाएं भी खराब होने लगती हैं. ये कोशिकाए अस्थि मज्जा में रहकर स्वस्थ रक्त कोशिकाओं को सामान्य रूप से बढ़ने और कार्य करने से रोकती हैं और इससे रक्त में स्वस्थ कोशिकाओं से अधिक कैंसर की कोशिकाएं मौजूद होती हैं.
ब्लड कैंसर कभी भी किसी भी उम्र में हो सकता है. कैंसर कई प्रकार का होता है और हर कैंसर का लक्षण भी अलग-अलग होता है. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय सैन फ्रांसिस्को स्वास्थ्य (यूसीएसएफ) की रिपोर्ट के अनुसार ब्लड कैंसर का शुरुआती संकेत सुबह उठने के साथ मिलता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर आप सुबह उठने के बाद अगर चले का प्रयास करें और आप चक्कर, कमजोरी या बेहद थका महसूस करें तो ये संकेत ल्यूकेमिया का हो सकता है. इस कैंसर से पीड़ित लोगों में थकान बहुत आम है और ये सबसे परेशान करने वाला लक्षण होता है.
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यूके की एक रिसर्च में इस कैंसर में थकान को केवल शारीरिक ही नहीं, भावनात्मक और मानसिक थकान का कारण भी बताया गया है. यह कैंसर के बढ़ते स्टेज के साथ तेजी से बढ़ता जाता है.
ल्यूकेमिया के इन लक्षणों को भी पहचानें
- शरीर का पीला पड़ना
- सांस फूलना
- बार-बार संक्रमण का होना
- असामान्य और बार-बार चोट लगना या खून बहना, जैसे मसूड़ों से खून आना या नाक से खून बहना
- बिना कोशिश किए वजन कम होते जाना
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ब्लड कैंसर के कारण
- ल्यूकेमिया का जेनेटिक भी होता है
- धूम्रपान की आदत भी बनाती है कैंसर का मरीज
- अनुवांशिक विकार जैसे डाउन सिंड्रोम, फैनकोनी का एनीमिया
- रक्त विकार, जैसे कि मायलोइड्सप्लास्टिक सिंड्रोम, जिसे कभी-कभी “प्रीलेयूकमिया” कहा जाता है
- कीमोथेरेपी या विकिरण चिकित्सा द्वारा कैंसर के लिए उपचार
- विकिरण के उच्च स्तर के संपर्क में रहने से
नोट : सिगरेट के धुएं में बेंजीन होता है और ये ब्लड कैंसर का प्रमुख कारण माना गया है.
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