डीएनए हिंदीः क्या आपको पता है कि कुछ खाने पीने की चीजें ऐसी हैं जो ब्लड को गाढ़ा बनाने के साथ ही क्लॉटिंग की समस्या को बढ़ाने का भी काम करती हैं. ये चीजें महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती हैं जो पहले से रक्त में थक्के बनने की समस्या से जूझ रहे हैं या जिन्हें हाई कोलेस्ट्रॉल हो.
कई बार बीमारियों में ब्लड का गाढ़ा होने की समस्या बढ़ जाती है. हाल ही में कोरोना संक्रमित रहे लोगों में इस तरह की समस्या सबसे ज्यादा देखी गई है. अगर आप कोरोना संक्रमित रहे हों, हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीज हों या ब्लड रिलेटेड अन्य दिक्क्तों से जूझ रहे तो आपको नीचे दिए गए फूड्स को खाने से बचना होगा.
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हाल ही में हुए एक शोध में ये बात सामने आई है कि कुछ फूड ऐसे होत हैं जो धमनियों में प्लॉक जमने की वजह बनते हैं और नसों में सूजन पैदा कर देते हैं जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभवित होता है.
डीप वेन थ्रॉम्बोसिस एक ऐसी ही बीमारी है जिसमें ब्लड गाढ़ा बन जाता है और और खून जमने लगता है. वेबएमडी के अनुसार पांच चीजें ऐसी है जो ब्लड में क्लॉटिंग की संभावना को दोगनुा बनाती हैं. इसमें व्हाइट ब्रेड, व्हाइट राइस, पैक्ड फूड और फास्ट फूड, पेस्ट्री, फ्रेंच फ्राइज़ जैसे परिष्कृत और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ भी शामिल हैं. वहीं, सोडा और अन्य मीठे ड्रिंक, कैंडीज, ट्रांस फैट जैसे मार्जरीन और लार्ड, रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड आदि भी खून को गाढ़ा कर क्लॉटिंग के लिए जिम्मेदार होते हैं.
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अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार ये सारी चीजें पुरुषों के लिए ज्यादा नुकसानदायक होती हैं. जब कि महिलाओं में रेड मीट या और ट्रांस फैटी एसिड के सेवन का बहुत असर उनके शरीर पर नहीं पड़ता.
जर्नल ऑफ थ्रोम्बोसिस एंड थ्रोम्बोलिसिस में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि मिठास और कार्डियो.मेटाबोलिक गड़बड़ी के बीच भी संबंध है. इसमें पाया गया कि फ्रुक्टोज एथेरोस्क्लेरोसिस को बढ़ावा देकर हृदय संबंधी जोखिम को बढ़ा देता है.
कार्डियोवैस्कुलर थ्रोम्बिसिस में फ्रक्टोज़ का होना एक जोखिम भरा कारक रहा है लेकिन ये खाद्य पदार्थ उच्च रक्त शर्करा को भी बढ़ाते हैं और ब्लड क्लाटिंग के लिए भी जिम्मेदार होते हैं.
वहीं हाई साल्ट भी ब्लड कॉटिंग के लिए जिम्मेदार बनता है. ब्लड में सोडियम की अधिक मात्रा और पोटेशियम की कमी खतरनाक रूप ले लेती है और ये क्लॅटिंग के कारण हार्ट पर प्रेशर पड़ना शुरू हो जाता है.
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