डीएनए हिंदीः डायबिटीज टाइप 1 के रोगियों को हमेशा ही इंसुलिन लेनी होती है लेकिन टाइप 2 के रोगियों का पहले दवा से ही ब्लड शुगर कम किया जाता है लेकिन जब ब्लड शुगर पर दवा असर नहीं करती तब इंसुलिन के इंजेक्शन देने पड़ते हैं. यह कब और कैसे तय होता है कि अब दवा की जगह इंजेक्शन लेना होगा चलिए जानें.
ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए डाइट और एक्सरसाइज बहुत जरूरी है. हाई प्रोटीन और फाइबर वाली डाइट के साथ रोजाना कम से कम 45 मिनट की एक्सरसाइज ब्लड शुगर को मेंटेन करने और दवा को इफेक्टिव बनाने का काम करती हैं लेकिन कई बार ब्लड शुगर हाई रहने के कारण मरीज को इंसुलिन पर निर्भर होना पड़ता है.
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इंसुलिन पैंक्रियास में बनने वाला वो हार्मोन हैं जो ब्लड में शुगर यानी ग्लूकेाज को मेंटेन करता है लेकिन जब ये हार्मोन किसी कारण वश एक्टिवेट नहीं होता या कम बनता है तब दवा और बाद में इंसुलिन की जरूरत पड़ती है. दरअसल इंसुलिन पेट के पिछले हिस्से की एक ग्लैंड है. कई कार्बोहाइड्रेट में ग्लूकोज की मात्रा होती है क्योंकि ग्लूकोज एक प्रकार से शुगर का ही हिस्सा है. डायबिटीज के मरीजों या कुछ स्थितियों में इन्सुलिन की जरूरत पड़ती है.
जानें इंसुलिन का महत्व
जब शरीर में ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा होती है तो इंसुलिन ग्लूकोज को लीवर में जमा करने लगता है और ग्लूकोज तब तक नहीं निकलता तब तक ब्लड में शुगर का स्तर सामान्य नहीं होता. लेकिन डायबिटीज में इंसुलिन का उपयोग अच्छी तरह से नहीं बनने या उत्पादन होने के कारण बाहर से अतिरिक्त इंसुलिन लेने की जरूरत होती है.
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अगर शुगर का स्तर हो ऐसा तो इंसुलिन ही बनेगा सहारा
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब शुगर की दवा के बाद भी मरीज का ब्लड शुगर लेवल यानी एचबीएवनसी लेवल 7 (HbA1c Level 7) प्रतिशत से कम न हो तो इंसुलिन लेना पड़ता है.
इंसुलिन का इंजेक्शन कब लगता है?
इंजेक्शन तब काम करता है, जब आपके मील और स्नैक्स से ग्लूकोज आपके ब्लडस्ट्रीम यानी रक्त प्रवाह में पहुंचने लगता है. इसलिए इंसुलिन की सुई भोजन करने से 10 - 15 मिनट पहले लेनी चाहिए. ध्यान रखें, अगर आपने इंजेक्शन ले लिया है, तो आपका कुछ खाना बेहद जरूरी है, वरना शुगर कम हो सकती है.
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उम्र के हिसाब से ब्लड शुगर कितना होना चाहिए?
1 से 6 साल तक तक के बच्चों का ब्लड शुगर लेवल 110 से 200 mg/dL के आसपास होना चाहिए. वहीं, 6 से 12 साल के बच्चों का ब्लड शुगर लेवल 100 से 180 mg/dL होना चाहिए. इसके अलावा 13 से 19 साल के लोगों में ब्लड शुगर लेवल 90 से 150 mg/dL होना चाहिए. 19 साल के ऊपर की उम्र वालों में ब्लड शुगर लेवल 90 से 150 mg/dL के बीच होना चाहिए.
ब्लड शुगर का लेवल कितना खतरनाक होता है?
आमतौर पर 250 mg/dL से ऊपर का शुगर लेवल बहुत ज्यादा माना जाता है. लेकिन 300 mg/dL से ऊपर ब्लड शुगर का स्तर खतरनाक हो सकता है. अगर लगातार दो रीडिंग में आपका ब्लड शुगर लेवल 300 mg/dL से ऊपर दिखता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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