Healthy Leaves: इस फल के पत्तों में छिपा है आंत में सूजन-घाव से पेट की बीमारियों तक का इलाज, ऐसे करें इस्तेमाल

Written By Abhay Sharma | Updated: Jun 06, 2024, 01:26 PM IST

केले के पत्ते

आयुर्वेद के अनुसार केले के पत्तों को उबालक इसका पानी पीने से इन गंभीर समस्याओं से छुटकारा मिलता है, अगर आप भी इन समस्याओं से जूझ रहे हैं तो इसका सेवन कर सकते हैं...

आयुर्वेद में कई ऐसे पेड़, पौधे, फल और पत्तियों के बारे में बताया गया है, जो सेहत के लिए वरदान माने जाते हैं. इनके इस्तेमाल से कई गंभीर समस्याएं दूर होती हैं. इनमें केले के पत्ते (Banana Leaves) भी शामिल हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक केले के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो बैक्टीरियल समस्याओं से बचाने में मददगार साबित होते हैं. यही वजह है कि आयुर्वेद में सालों से कई बीमारियों के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है. आयुर्वेद के अनुसार केले के पत्तों (Boiled Banana Leaves) को उबालक इसका पानी (Banana Leaves Benefits) पीने से इन समस्याओं से छुटकारा मिलता है.

आंत के छालों को ठीक करे
आयुर्वेद के अनुसार आंत में सूजन और घाव को ठीक करने में केले के पत्तों का पानी पीना बहुत ही लाभदायक माना जाता है. यह आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में भी मददगार होता है. ऐसे में अगर आप इन आंत से जुड़ी इन समस्याओं से जूझ रहे हैं तो इसका सेवन कर सकते हैं.   


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इम्यूनिटी बढ़ाए
इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होने की वजह से यह फ्री-रेडिकल्स से लड़ने और उन्हें बेअसर करने में काफी प्रभावी माना जाता है और यह वायरल संक्रमण की चपेट में आने से आपको बचाता है. इतके साथ ही जल्द रिकवरी में भी मदद मिलती है. 

पेट को हेल्दी रखे 
इसके अलावा पाचन को दुरुस्त करने में भी केले के पत्तों का पानी बहुत ही लाभकारी माना जाता है. आयुर्वेद के अनुसार इसके नियमित सेवन से पाचन संबंधी समस्याओं से बचाव और उनसे छुटकारा पाने में मदद मिलती है. 


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शरीर को डिटॉक्स करे
आयुर्वेद के अनुसार केले के पत्तों का पानी पीने से शरीर से सारा टॉक्सिन्स बाहर निकल जाता है, बता दें कि ये टॉक्सिन्स कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देते हैं. आयुर्वेद के अनुसार इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने में मददगार होते हैं. 

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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