Varun Dhawan Rare Disease: वरुण धवन का बिगड़ गया है बैलेंस सिस्टम, एक्टर की इस रेयर बीमारी और लक्षण को जान लें 

Written By ऋतु सिंह | Updated: Nov 10, 2022, 10:55 AM IST

Varun Dhawan Rare Disease: वरुण धवन का बिगड़ गया है बैलेंस सिस्टम

Varun Dhawan rare disease vestibular hypofunction: वरुण धवन ने फिल्म भेड़िया को प्रमोशन के दौरान बताया था कि वह एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं.

डीएनए हिंदीः बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन एक ऐसी बीमारी से जूझ रहे हैं जिसमें उनकी बॉडी अचानक से बैलेंस खोने लगती है. एक्टर ने फिल्म के प्रमोशन के दौरान बताया था कि वह वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन नामक एक बीमारी से जूझ रहे हैं. ये ऐसी बीमारी है जिसमें वह अपने शरीर पर कई बार कंट्रोल खो देते हैं.

वरुण धवन की ये बीमारी वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन क्या है और किस अंग से संबंधित है, चलिए जाने. 

दीपिका पादुकोण से लेकर सारा अली और सलामन तक गंभीर बीमारियों के शिकार हैं ये बॉलीवुड स्टार्स

कान की बीमारी दिमागी सिग्नर को करती है इफेक्ट
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन कान के अंदर होने वाली एक ऐसी बीमारी या डिसऑर्डर है जिसमें मरीज के दिमाग तक संदेश पहुंचने में दिक्कत होती है. जिसका असर पूरे बॉडी पर पड़ता है. असल में वेस्टिबुलर सिस्टम आंख, कान और मसल्स को बैलेंस बनाने का काम करता है. शरीर के साथ.साथ ये मेंटल बैलेंस का काम भी करता है. असल में वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन में कान के अंदरुनी हिस्सा सही से काम नहीं कर करता है. ये सिर के एक तरफ या दोनों तरफ हो सकता है. इस बीमारी के कारण कई बार इंसान लड़खड़ाकर गिरने भी लगता है.इसमें धीरे-धीरे सुनने की शक्ति भी खत्म होने लगती है.वीएच के इलाज के लिए कई तरीके निकाले गए हैं, जिसमें एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल उपचार या सर्जरी के जरिए भी इसका इलाज किया जा सकता है.

इस बीमारी का क्या है कारण
इस बीमारी की वजह कई हो सकती हैं. कान में लंबे समय तक कोई इंफेक्शन हो जिसका इलाज न किया गया हो. कान में कैल्शियम का जमाव या कचरा ज्यादा होने से इंफेक्शन होना या खराब ब्लड सर्कुलेशन की वजह से भी ये बीमारी होती है. 

Heart Rates Problem: क्यों बढ़ती है दिल की धड़कन, जानें खतरे और संकेत

वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन के लक्षण जान लें
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन से ग्रस्त व्यक्ति को अचानक से बैचेनी होने लगती है. कई बार उसे उल्टी या पेट खराब होने की शिकायत भी होती है. वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन से जूझ रहे व्यक्ति का बार-बार जी मचलाता है. इसके साथ ही उसे अचानक से घबराहट होने लगती है और हार्ट बीट तेज हो जाती है. अंधेरे में चलने में या फिर उबाड़-खाबड़ जगहों पर चलने में मरीज को बहुत दिक्कत आती है.

वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन की समस्या को कैसे करें कंट्रोल
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन से पीड़ित व्यक्ति तो अपने बैठने की पोजिशन पर खास ध्यान देना होता है. जब भी ये अटैक आए तो खास मरीज को चलने, कार या बाइक चलना छोड़कर बैठ जाना चाहिए और घर में हो तो उसे तुरंत बिस्तर पर लेट जाना चाहिए. साथ ही ऐसे मरीज को रोज सिर को नीचे और ऊपर करने वाली करनी चाहिए. 

Crack Heels: फटी एड़ियां एक दिन में होंगी चिकनी और मुलायम, इन विटामिन की कमी से होती हैं हील्स क्रैक

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर