डीएनए हिंदी: मुलैठी की जड़ों (Mulethi ki Jad) के सेवन को आयुर्वेद में सेहत के लिए हितकारी माना जाता है. मुलेठी , मुलैठी में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण जरूर होते हैं लेकिन इसका जरूरत से ज्यादा सेवन उलटा असर भी कर सकता है. यहां तक कि ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा बन जाता है.
यूके के हेल्थ जर्नल न्यूरोहॉस्पिटैलिटी की एक स्टडी में पाया गया कि मुलेठी यानी चाइनीज मुलैठी के अत्यधिक सेवन की वजह से स्ट्रोक का खतरा होता है. बताया गया कि मुलैठी की जड़ में पाए जाने वाले तत्व ग्लिसिरिजिन (glycyrrhizin) की वजह से ऐसा होता है.
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क्यों खतरनाक है ग्लिसिरिजिन
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के मुताबिक ग्लिसिरिजिन में 30 और 50 गुना मिठास पाई जाती है और ये शरीर में पोटैशियम और सोडियम की मात्रा को घटा देता है। पोटैशियम और सोडियम हमारे शरीर की तरलता को नियंत्रित करते हैं। ग्लिसिरिजिन की ज्यादा मात्रा से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, शरीर में फ्लुइड जमा होने लगता है, मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और दिल की धड़कन में भी उतार चढ़ाव (arrhythmia) हो सकता है.
हेमरेजिक स्ट्रोक की मुख्य वजह हाई ब्लड प्रेशर है, जो दिमाग की धमनियों को कमजोर कर देता है और यहां तक कि उनके अलग-अलग होने या फट जाने का खतरा बढ़ जाता है. अमेरिका स्थित नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंट्री एंड इंटिग्रेटिव हेल्थ (NCCIH) के मुताबिक मुलैठी की जड़ के सेवन को अमूमन सेफ माना जाता है, लेकिन लंबे समय तक इसके ज्यादा मात्रा में सेवन से ब्लड प्रेशर बढ़ने और शरीर में पोटैशियम की मात्रा घटने का खतरा होता है. यही नहीं, इससे हार्ट या किडनी की बीमारी का भी खतरा बढ़ जाता है.
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कितने तरह के ब्रेन स्ट्रोक
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इंसानों में दो मुख्य प्रकार के स्ट्रोक का खतरा रहता है: एक, इस्केमिक स्ट्रोक और दूसरा, हेमरेजिक स्ट्रोक। इस्केमिक स्ट्रोक तब होता है जब हमारे मस्तिष्क को होने वाली ब्लड सप्लाई क्लॉट्स के चलते बाधित हो जाती है और दिमाग को ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। दूसरा, यानी कि हेमरेजिक स्ट्रोक में मस्तिष्क की कोई ब्लड वेसल फट जाए और आसपास खून फैल जाए। स्ट्रोक का तरीका अलग हो सकता है, लेकिन वजह एक ही होती है- हमारी खराब जीवनशैली। जीवनशैली के प्रति जरा सी भी लापरवाही स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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