Brain Stroke Signs And Symptoms: शरीर को सही तरीके से काम करने से लेकर स्वस्थ बनाएं रखने में खून के साथ ही ऑक्सीजन की अहम भूमिका होती है. अगर कुछ ही पलों क लिए हार्ट से लेकर दिमाग में खून और ऑक्सीजन की सप्लाई धम जाए तो व्यक्ति को हार्ट अटैक से लेकर ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) तक आ जाता है, जिसके चलते व्यक्ति की मौत हो जाती है. पिछले कुछ समय में ऐसे कई केस सामने आ चुके हैं. ऐसी स्थिति में लोग जानना चाहत हैं कि आखिर ब्रेन स्ट्रोक के क्या लक्षण होते हैं. यह कितने प्रकार का होता है. अगर आप इस बीमारी को लेकर असमंजस की स्थिति या फिर अनजान हैं तो आइए जानते हैं ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण और इसके बचाव क्या हैं...
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यह है ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण (Brain Stroke Symptoms)
न्यूरोलॉजिस्ट एक्सपर्ट्स के अनुसार, स्ट्रोक आने के कई सारे कारण है. इसके लक्षण भी अलग अलग हो सकते हैं. यह स्ट्रोक के दौरान नसों को पहुंचने वाला नुकसान तय करता है. स्ट्रोक आने पर किसी भी व्यक्ति का दिमाग डैमेज हो जाता है. इसके चलते व्यक्ति का सोचने समझने से लेकर बोलने तक में दिक्कत होती है. शरीर में कमजोरी के साथ ही संतुलन नहीं बन पाता है. कई मामलों में मरीज कोमा तक में पहुंच जाता है. वह महसूस तो करता है, लेकिन कुछ बोलने, समझने से लेकर रिप्लाई तक नहीं कर पाता.
इन वजहों से आता है स्ट्रोक (Brain Stroke Causes)
दरअसल किसी भी व्यक्ति में स्ट्रोक की मुख्य वजह हाई ब्लड शुगर से लेकर हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया, हाई ब्लड प्रेशर, बहुत ज्यादा स्मोकिंग, अल्कोहल के चलते नसों में गंदगी और वसा का भरना होता है. इसकी वजह से नसों के अंदर ब्लॉकेज आने से खून और ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है. इसके कुछ सेकंड तक रुकने से ही स्ट्रोक आ जाता है या फिर नस तक फट जाती है. वहीं अगर किसी को कम उम्र में स्ट्रोक आता है तो इसके पीछे की वजह अंडरलाइंग कोगुलोपैथी, जन्मजात या अन्य कारणों से हुई दिल से संबंधित बीमारियां और कोलेजन डिसऑर्डर हो सकता है.
दो तरह का होता है ब्रेन स्ट्रोक (Two Types Of Brain Stroke)
न्यूरोलोजिस्ट के अनुसार, ब्रेन स्ट्रोक दो तरह का होता है. इनमें पहला होता है इस्केमिक स्ट्रोक और दूसरा हेमरैगिक स्ट्रोक. इस्केमिक स्ट्रोक तब होता है, जब दिमाग में खून और ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली नसों में ब्लड फ्लो रुक जाता है. इसे थ्रोम्बोटिक और एम्बोलिक स्ट्रोक में बांटा जाता सकता है. वहीं दूसरा स्ट्रोक हेमरैगिक स्ट्रोक होता है. इसमें ब्लड प्रेशर की वजह से ब्लड वीसल्स फट जाती हैं. इसके अलावा ब्रेन पैरेन्काइमा में ब्लीडिंग हो जाती है. इसके चलते शरीर के कई अंग और नसें पूरी तरह डैमेज हो जाती है. ऐसी स्थिति को हाइपरटेंसिव इमरजेंसी भी कहा जाता है. इसमें ब्लड प्रेशर 220/110 एमएम एचजी के पार पहुंच जाता है.
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ये हैं इस्केमिक और हेमरैगिक स्ट्रोक के लक्षण
इस्केमिक ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित मरीज अपना होश खो देता है. इसमें मरीज अचानक से खड़े खड़े गिर जाता है या फिर उसका मुंह टेढ़ा हो जाता है. इसके अलावा हाथ पैरों में भारी कमजोरी के साथ ही आधार शरीर काम करना बंद कर देता है. ऐसी स्थिति को पैरालिसिस कहा जाता है. वहीं हेमरैगिक स्ट्रोक में मरीज को पहले बहुत ज्यादा कमजोरी और सिरदर्द महसूस होता है. आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है. व्यक्ति को साफ दिखना बंद हो जाता है. इसके साथ ही पैरालिसिस का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है.
स्ट्रोक आने पर तुरंत करें ये काम
स्ट्रोक मिनटों में व्यक्ति की स्थिति को खराब कर देता है. ऐसी स्थिति में व्यक्ति को जल्द से जल्द इलाज कराना चाहिए. इसमें ज्यादा देरी व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकती है. स्ट्रोक आने के चार से साढ़े चार घंटे के भीतर उसकी रिकवरी की जा सकती है. इससे देरी होने पर दिमाग में खत्म हुए टिशूज को फिर से ठीक करना मुश्किल हो जाता है. इसके चलते रिकवरी के चांस काफी हद तक खत्म हो जाते हैं.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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