आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, खराब जीवनशैली, खानपान में गड़बड़ी और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण लोग हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. कुछ दशकों पहले तक हार्ट (Heart Attack) की बीमारी को उम्रदराज लोगों की बीमारी के तौर पर जाना जाता था, लेकिन अब न केवल बुजुर्ग बल्कि युवा और बच्चे भी हार्ट अटैक की चपेट में आ रहे हैं.
ऐसे में हार्ट अटैक के जोखिम को कैसे कम किया जाए और समय पर इसकी पहचान कैसे की जाए इसके लिए वैज्ञानिकों ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) टूल डेवलप किया है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इस टूल की मदद से 80 फीसदी की सटीकता के साथ हार्ट से जुड़ी समस्या का पता लगाया जा सकता है.
क्या है ये टूल
यूरोपियन हार्ट जर्नल डिजिटल हेल्थ में छपी एक स्टडी के मुताबिक, ब्रिटेन के 'लीसेस्टर यूनिवर्सिटी' के नेतृत्व वाली एक टीम ने VA-ResNet-50 नाम का एक AI टूल तैयार किया है, जिसका इस्तेमाल साल 2014 और 2022 के बीच घर पर रह रहे 270 वयस्कों की ECG जांच करने के लिए किया गया था.
यह भी पढे़ं: कमजोर हो गई है आंखों को रोशनी, लग गया है चश्मा? रोज करें ये आसान एक्सरसाइज
ECG के बाद औसतन 1.6 सालों में लगभग 159 लोगों ने वेंट्रिकुलर एरिथमिया का एक्सपीरियंस किया था. बता दें कि इस एआई टूल का यूज मरीज के हार्ट चेकअप के लिए किया गया था और हर 5 में से 4 मामलों में AI टूल ने सही भविष्यवाणी की, जिससे पता चला कि किस मरीज का दिल वेंट्रिकुलर एरिथमिया के लिए सक्षम है.
कैसे होता है इस टूल का इस्तेमाल
वैज्ञानिकों ने बताया कि इस टूल की मदद से दिल से जुड़ी गंभीर समस्याओं के जोखिम को कम किया जा सकता है और समय रहते सही इलाज से मरीज की जान बचाई जा सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस टूल से जांच के बाद घातक बीमारी का जोखिम सामान्य वयस्कों की तुलना में तीन गुना अधिक था, हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मरीजों की इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम की जांच में AI टूल का इस्तेमाल करते हुए सामान्य हार्ट रेट में एक नया लेंस प्रदान किया जाता है.
Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
DNA हिंदी अब APP में आ चुका है. एप को अपने फोन पर लोड करने के लिए यहां क्लिक करें.
देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.