गेहूं और जौ से ज्यादा पॉष्टिक है ये काला आटा, खाते ही डायबिटीज समेत इन 3 बीमारियों का हो जाएगा खात्मा

नितिन शर्मा | Updated:Sep 08, 2023, 07:29 AM IST

देश में ज्यादातर लोग गेहूं जौ और मक्के के आटे से बनी रोटियां खाते हैं. इनमें कई सारे पौष्टिक आहार होते हैं, लेकिन अगर आप इन तीन बीमारियों के शिकार हैं तो इस काले आटे की रोटियां कहीं ज्यादा बेहतर है. यह डायबिटीज से लेकर मोटापे तक को कंट्रोल करती है. 

डीएनए हिंदी: (Kuttu Atte Ke Fayde ) रोटी बनाने के लिए ज्यादातर घरों में गेहूं के आटे का इस्तेमाल किया जाता है. इसे और भी ज्यादा पौष्टिक बनाने के लिए ज्यादातर लोग जौ और चने का आटा मिक्स कर लेते हैं. वहींं सर्दी आते ही लोग खाने में मक्के के आटे की रोटियां खाना पसंद करते हैं. ये सभी आटे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. इसीलिए इन्हें खाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन जब डायबिटीज मरीज की बात आती है तो एक ऐसे आटे का नाम सामने आता है, जो अन्न नहीं है. उसे व्रत में खाया जाता है. यह आटा गेहूं, जौ और चने से भी कहीं ज्यादा पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है. यह डायबिटीज मरीजों के लिए संजीवनी से कम नहीं होता. 

दिखने में काला और पोषक तत्वों से भरपूर आटा कुट्टू है. इसे कई जगहों पर ओगला तो कुछ पर ओगल व काठू कहा जाता है. आयुर्वेद में डायबिटीज मरीजों को इस आटे से बनी रोटियां खाने की सलाह दी जाती है. हालांकि कुट्टू अनाज में नहीं आता है, लेकिन इसके गुण और मोटे दाने होने की वजह से इसे अनाज में शामिल किया गया है. इसे अन्न नहीं माना जाता है. यही वजह है कि ज्यादातर लोग कुट्टू का सेवन व्रत में करते हैं. कुट्टू के आटे लिपिड, खनिज से लेकर प्रोटीन, अमीनो एसिड्स, बायोएक्टिव तत्व भरपूर मात्रा में पाएं जाते हैं. 

कुट्टू में बहुत ज्यादा होता है प्रोटीन

एआईआईए की मानें तो कुट्टू के आटे में दूसरे अनाजों के मुकाबले प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. साथ ही यह ग्लूटन फ्री होता है. इसमें दूध से भी ज्यादा अमीनो एसिड होता है. यह आसानी से पच भी जाता है और ब्लड शुगर का स्पाइक तक नहीं होने देता, जिन लोगासें को गेहूं की रोटियां खाने से परेशानी होती है. वह अपनी डाइट में कुट्टू की रोटियां शामिल कर सकता है. यह बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. 

इन तीन बीमारियों में रामबाण

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डायबिटीज के लिए

कुट्टू का आटा डायबिटीज जैसी घातक बीमारी में रामबाण दवा का काम करता है. नियमित रूप से इसका सेवन ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखता है. इसमें एमाइलोपेक्टिन स्टार्च और प्रतिरोधी स्टार्च की तुलना कही ज्यादा एमाइलोज पाया जाता है. इसका 51 से 70 तक ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है. ऐसे में यह डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद लाभदायक हो सकता है. इसके अलावा भी डायबिटीज को बढ़ाने वाली बीमारियों की काट करता है. 

मोटापे को कर देता है खत्म

कुट्टू के आटे में फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसमें 5 फिसदी घुलशील और कुछ प्रतिशत अघुलनशील फाइबर होता है, जो पाचन क्रिया को बूस्ट करता है. इसके साथ ही अपच से लेकर दूसरी समस्याओं को दूर करता है. यह मेटाबॉलिज्म को बूस्ट कर मोटापे को जमने नहीं देता. इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल में रखता है. अगर आप मोटापा कम करना चाहते हैं तो इसे डाइट में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है.

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कैंसर से लेकर हार्ट डिजीज का कम करता है खतरा

कुट्टू में लिपिड कम होने के साथ ही ओलिक ओर लिनोलिक जैसे असंतृप्त फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाएं जाते हैं. यही वजह है कि कैंसर से लेकर दिल की बीमारियों को दूर रखता है. यह सूजन और डायबिटीज के लिए बेहद फायदेमंद है. कुट्टू में खनिज, मैग्नीशियम, कैल्शियम, पाइरिडोक्सिन, फोलेट और जस्ता जैसे पोषक तत्व पाएं जाते हैं. यह हार्ट हेल्थ के लिए अच्छे होते हैं. ​हार्ट अटैक से लेकर स्ट्रोक का खतरा कम करते हैं. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।) 

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