डीएनए हिंदी: दूध के ऊपर जब क्रीम की मोटी परत जम जाती है उसे फैट अर्थात वसा कहते हैं. इस ताजी और बासी क्रीम, दूध, दही को मथ के मक्खन बनाया जाता है. मक्खन में 80 फीसदी वसा होती है. ये छाछ, पानी और दूध की मलाई के मिश्रण से बनता है. ये गर्म तापमान में पिघल जाता है और ठंडे तापमान में जम जाता है. हमारे घरों में परांठे,रोटी,डबल रोटी,सैंडविच, ब्रेड आदि के ऊपर मक्खन लगाया जाता है. कई लोग घी और मक्खन में अंतर नहीं कर पाते हैं.
आज हम आपको मक्खन के फायदे और घी-मक्खन के बीच का अंतर भी बताएंगे.
मक्खन खाने के फायदे (Health Benefits of Butter in Hindi)
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कैंसर
मक्खन कोई मामूली चीज नहीं है, यह कैंसर जैसे रोग से बचाव करने में आपकी मदद करता है. दरअसल मक्खन में मौजूद फैटी एसिड कौंजुलेटेड लिनोलेक प्रमुख रूप से कैंसर से बचाव में मदद करता है.
ऑस्टियोपोरोसिस
विटामिन्स, मिनिरल्स और कैल्शियम से भरपूर मक्खन आपकी हड्डियों को मजबूत बनाकर ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है. दांतों के लिए भी यह बेहद फायदेमंद होता है
बुखार ठीक होता है
गाय के दूध का मक्खन और खड़ी शर्करा का सेवन करने से पुराना बुखार ठीक हो जाता है, इसके अलावा मक्खन के साथ शहद और सोने के वर्क को मिलाकर खाने से टीबी के मरीजों को लाभ मिलता है।
आंखों की जलन दूर होती है
आंखों में जलन की समस्या होने पर गाय के दूध का मक्खन आंखों पर लगाना बेहद फायदेमंद होता है, किसी भी कारण से आंखों में होने वाली जलन को यह समाप्त कर देता है।
दिल की बीमारी कम होती है
मेडिकल रिसर्च काउंसिल के एक शोध में यह बात सामने आई है कि जो लोग कुछ मात्रा में मक्खन को अपनी डाइड में शामिल करते हैं, उन्हें दिल की बीमारी का खतरा, अपेक्षाकृत कम होता है, इसमें विटामिन ए, डी, के और ई के अलावा लेसिथिन, आयोडीन और सेलेनियम जैसे तत्व होते हैं जो दिल की सेहत के लिए बेहतर हैं।
थायरॉइड नहीं होता
मक्खन में आयोडीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो थायरॉइड के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन ए भी थायरॉइड ग्लैंड के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
खराब मूड ठीक करता है मक्खन
मक्खन में पाया जाने वाला सेलीनियम आपके मूड को बेहतर करने में आपकी मदद करता है, तो जब भी आपका मूड खराब हो, थोड़ा सा मक्खन, उसे ठीक करने में आपकी मदद कर सकता है।
घी और मक्खन में क्या अंतर है (What is the difference between milk and butter)
- मक्खन दूध की क्रीम से बनता है और घी खुद मक्खन से बनता है
- मक्खन में 80 फीसद फैट होता है जबकि घी में इतना फैट नहीं होता है
- मक्खन को दही, क्रीम को मथ के बनाया जाता है जबकि घी को मक्खन और क्रीम को काफी समय तक गर्म कर के बनाया जाता है
- मक्खन में मिल्क फैट, पानी , बटर मिल्क होता है जबकि घी में पानी और बटर काफी समय तक गर्म करने के कारण खत्म हो चूका होता है।
- मक्खन और घी दोनों द्रव पदार्थ होते हैं जो गर्म होने पर पिघलते हैं और ठंडा होने पर जमते हैं
- मक्खन 325-375 डिग्री फारेनहाइट पर जलने लगता है जबकि घी 375-485 डिग्री फारेनहाइट पर जलना शुरू होता है
- घी मक्खन से अधिक स्वस्थ होता है
- मक्खन के मुकाबले घी उच्च तापमान पर बनता है इसलिए घी में बैक्टीरिया और माइक्रो ऑर्गैनिस्म नहीं होता है।
- घी को मक्खन के अपेक्षा अधिक समय तक प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि अधिक तापमान पर पकने के कारण घी में पानी बिलकुल नहीं होता, जिसके कारण इसे किसी एयरटाइट डिब्बे में आराम से स्टोर करके अधिक समय तक रखा जा सकता है
- मक्खन को फ्रिज आदि में रखने की आवश्यकता होती है नहीं तो वो ख़राब हो सकता है लेकिन घी को 6-7 महीने तक आराम से उसके समान रंग और स्वाद के साथ रखा जा सकता है
मक्खन को खाने का तरीका (How to eat Butter)
इस मक्खन को आप रोटी,पराठे,ब्रेड पर लगा कर खा सकते हैं, केक बना सकते हैं।
यह मक्खन बाजार के मक्खन से ज्यादा शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक होता है और खाने में भी बहुत स्वादिष्ट होता है।
इसे आप सरसों के साग और मक्के की रोटी पर लगाकर भी खा सकते हैं क्योंकि उसके साथ इस मक्खन का स्वाद बहुत ज्यादा अच्छा लगता है।
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Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें
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