डीएनए हिंदी: Cancer Causes Pain- कैंसर जब पूरे शरीर में फैल जाता है तब तो दर्द होता ही है लेकिन उससे पहले भी कैंसर के शुरुआती स्टेज में शरीर के कई हिस्सों में पीड़ा होने लगती है, ये दर्द असहनीय होता है. कई बार शरीर के कई हिस्सों के दर्द से ही उस कैंसर का पता भी चलता है. भले ही कैंसर कैसा भी हो,हड्डी,सर्वाइकल,ओवरी, ब्लड या पेट का कैंसर,(Blood, Colon, Bone and Cervical Cancer) आकार में भी छोटा हो सकता है, फिर भी अगर स्पाइनल कॉड पर दबाव बनने लगता है तो दर्द बढ़ जाता है. पीठ, पेट, रीढ़ और हड्डियों में दर्द कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. कई लोगों को न्यूरोपैथिक पेन होता है, जो नर्व से संबंधित है. ऐसा नहीं है कि ये दर्द हमेशा होता है, लेकिन कभी कभी क्रोनिक हो जाता है.
कैंसर में दर्द पहला तब होता है जब कैंसर मेटास्टेसाइजिंग होता है,या शरीर के अन्य भागों में फैलता है और इस प्रक्रिया में तंत्रिका तंत्र पर दबाव पड़ता है. दूसरा यह है कि भले ही कैंसर आकार में छोटा होता है लेकिन स्पाइनल कॉर्ड या नर्व को दबाता है इससे भी दर्द होता है. कई लोग रेडियोथैरेपी के बाद भी दर्द महसूस कर सकते है जबकि कुछ मरीज में यह कीमोथैरेपी के बाद होता है, कई बार सर्जरी के बाद साइड इफेक्ट दिखते हैं और दर्द होने लगता है, टिश्यूज पर दबाव बनता है. ये दर्द क्रोनिक भी हो सकता है
शरीर के एक हिस्से को कैंसर के ट्रीटमेंट के दौरान हटा दिया जाता है, जैसे ब्रेस्ट को हटाने से या अंगों के काटने के कारण, इसे हटाने के बाद कुछ समय के लिए व्यक्ति में दर्द की महसूसता होती है. कई मरीजों के कुछ अंगर कैंसर की वजह से इतने खराब हो जाते हैं कि उन्हें अलग करना पड़ता है तब दर्द ज्यादा होता है. कई लोगों को कैंसर में दर्द नहीं होता लेकिन जब उसका ट्रीटमेंट चलता है तब दर्द होने लगता है.
पीठ में दर्द
अगर आपको पीठ में दर्द हो रहा है और लगातार दर्द बना हुआ है तो सावधान हो जाएं. रीढ़ की हड्डियों में या फिर उसके आसपास के जो टिश्यूज हैं वो बढ़ने लगे तब ये दर्द बढ़ जाता है. फेफड़े का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर में पीठ का दर्द बढ़ जाता है.
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पेट में दर्द
अगर आपको पेट या कोलन में कैंसर है तो फिर पेट दर्द की शिकायत होती रहेगी, पेट का दर्द अचानक होगा और नीचले हिस्से में भी दर्द होगा, थकान महसूस होगी.
फेफड़े का कैंसर
फेफड़े के कैंसर में सांस लेने में भी तकलीफ होती है, फेफड़े का कैंसर सबसे आम कैंसर है, जिसके रीढ़ तक फैलने का खतरा अधिक होता है, फेफड़े का ट्यूमर रीढ़ की हड्डी पर दबाव डाल सकता है, जिससे पीठ के निचले हिस्से में तंत्रिका संचरण प्रभावित हो जाता है. इस प्रकार की जटिलताओं के कारण पीठ के निचले हिस्से में दर्द के अलावा थकान, सांस लेने में तकलीफ और खांसी के साथ खून जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं
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