Cancer को लेकर कई तरह की भ्रामक बातें सोशल मीडिया पर फैली हुई हैं यही नहीं आम जनजीवन में भी कैंसर को लेकर लोग पंडित, ओझा और झाड़फूंक का सहारा लेने लगते हैं. लेकिन अगर हम छोटी छोटी सी सावधानी बरतें तो हम इसे न केवल इसे पहले स्टेज में पकड़ सकते हैं बल्कि अगर आपकी फैमिली में कैंसर की हिस्ट्री रही है तो ये छोटी छोटी जांच हमें सुरक्षित रखने में मदद भी कर सकती है.
PSRI हॉस्पिटल के ऑकोलॉजिस्ट अमित उपाध्याय कहते हैं, 'कैंसर बहुत तेजी से दुनिया भर में फैल रही है और अगर नई स्टडीज पर नजर डालें तो हर 9 में से एक पुरुष को और हर आठ में से एक महिला को कैंसर का खतरा बना हुआ है.'
फिटनेस फ्रीक भी समझ नहीं पा रहे हैं कि हमने तो खान पान से लेकर एक्सरसाइज तक सभी का ध्यान रखा फिर क्यों हमें कैंसर अपनी चपेट में ले रहा है तो इतनी तेजी से दुनिया को अपने चपेट में लेने वाले इस कैंसर के कई सारे अंडरलाइन फैक्टर हैं जो इसे तेजी से बढ़ा रहे हैं. जिसमें पॉल्यूशन, लाइफस्टाइल, कई सारे वायरल इंफेक्शन के साथ साथ परिवार में किसी क्लोज को कैंसर रहा हो तो भी हमें सावधान रहने की जरूरत है. हालांकि डॉ उपाध्याय इस बात से इनकार करते हैं कि कैंसर 'छूने' या फिर 'किस' करने से फैलता है. यहां तक की कैंसर के मरीज के साथ खाना खाने से भी नहीं फैलता है. '
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फैमिली में है कैंसर तो कराएं स्क्रीनिंग
पिछले दिनों अभिनेत्री हिना खान को ब्रेस्ट का थर्ड स्टेज कैंसर की जानकारी मिली. अभिनेत्री ने बड़ी दिलेरी से अपने ब्रेस्ट कैंसर होने की बात सोशल मीडिया पर कबूली लेकिन क्या खतरनाक है थर्ड स्टेज पर कैंसर का पता लगना या फिर मरीज को बचाया जा सकता है?
इस सवाल के जवाब में डॉ. उपाध्याय कहते हैं, 'थर्ड स्टेज का मतलब यह है कि कैंसर बढ़ा हुआ है. हिना खान को थर्ड के स्टेज का कैंसर है. ब्रेस्ट कैंसर की बात करूं तो थर्ड स्टेज में 5 साल का सर्वाइवल रेट होता है. थर्ड स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर में 86 से 88% लोगों के बचने का चांस होता है. '
डॉ. उपाध्याय कहते हैं कि थर्ड स्टेज कैंसर के मरीज का मतलब है कि सिर्फ इनका इलाज ही नहीं इसके साथ कीमो और सर्जरी भी बराबर चलेगी. हां अगर फैमिली में कैंसर का इतिहास है तो ऐसे में उस परिवार की फर्स्ट डिग्री यानी क्लोज परिवार के सदस्यों को अपनी स्क्रीनिंग कराते रहना चाहिए.
स्क्रीनिंग है जरूरी नहीं पड़ेगी सर्जरी की जरूरत
बता दें कि हिना खान ही नहीं इससे पहले सोनाली बेंद्रे, मनीषा कोइराला और मुमताज समेत बॉलीवुड की कई एक्ट्रेस ब्रेस्ट कैंसर को मात दे चुकी हैं. यहां तक की एंजेलीना जॉली ने तो कैंसर होने वाले टिश्यू को अपने शरीर से पहले ही निकलवा दिया था. डॉ उपाध्याय बताते हैं कि अगर समय पर स्क्रीनिंग कराई जाए तो कैंसर से निपटने में मदद मिलती है. इसके लिए मरीजों को जागरूक किया जाना बेहद जरूरी है. डॉक्टर ये भी मानते हैं कि अगर समय रहते ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कर ली गई तो सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती.
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अनमैरिड लड़कियों में होता है कैंसर का ज्यादा रिस्क
डॉ. उपाध्याय ने बताया कि वो लड़कियां जिन्होंने शादी नहीं की है उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने के ज्यादा चांसेज होते हैं. क्योंकि प्रेगनेंसी कैंसर के हॉरमोंस को टेंपररी डाउन कर देती है लेकिन यदि किसी लड़की ने शादी नहीं की है या जिन महिलाओं के बच्चे नहीं हैं तो उन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने का चांस थोड़ा ज्यादा होता है.
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