डीएनए हिंदीः अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आपको लंबे समय तक भूखा रहने से बचना होगा. अगर आप ये सोच कर कम खाते हैं कि आपको वेट कम होगा या भूखे रहने से ब्लड शुगर कम होगा तो आप अपनी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे होते हैं.
असल में आपकी ये भूल न केवल आपके ब्लड में शुगर के लेवल को हाई कर देगा बल्कि आप कार्डिएक अरेस्ट के शिकार हो सकते हैं, क्योंकि डायबिटीज रोगियों मंे भूखा रहने से हाइपरग्लेसेमिया का खतरा बढ़ता है और इससे कार्डिएक अरेस्ट का. तो चलिए बताएं कि डायबिटीज के मरीजों में कर्डिएक अरेस्ट का खतरा हाइपरग्लेसेमिया से कैसे होता है और हाइपरग्लेसेमिया कब और क्यों होता है.
क्या है हाइपरग्लेसेमिया
जब शरीर में ब्लड शुगर हद से ज्यादा होता है तो इस स्थिति को हाइपरग्लेसेमिया कहते हैं. शरीर में जरूरत के अनुसार इंसुलिन लेवल बनना बंद हो जाता है और बने हुए इंसुलिन का भी इस्तेमाल सही तरीके से नहीं कर पाता है तब ब्लड शुगर हाई होने लगता है और हाइपरग्लेसेमिया की स्थिति बनती है.
लंबे समय तक भूखे रहने से डायबिटीज में बढ़ता है कार्डिएक अरेस्ट का खतरा
असल में डायबिटीज में लंबे तक भूखा रहन से डायबिटिक कीटोएसिडोसिस बहुत एडवांस स्टेज में पहुंच जाता है. डायबिटीक केटोएसिडोसिस डायबिटीज की वो गंभीर स्थिति है जिसमें शरीर केटोन्स नामक उच्च स्तर के रक्त एसिड का उत्पादन होने लगता है. तब ये एसिड मस्तिष्क और मस्तिष्क क्षेत्र में पहुंच जाता है जिससे कार्डियक अरेस्ट आता है. इस दौरान हार्ट की मांसपेशियों में पोटेशियम और कैल्शियम कम हो जाता है और तब कार्डिएक अरेसट आता है.
इन वजहों से भी बढ़ता है हाइपरग्लेसेमिया का खतरा
शरीर में हार्मोन का असंतुलन होने के साथ ही कई बार किसी अन्य क्रोनिक डिजीज या संक्रमण की स्थिति में भी हाइपरग्लेसेमिया का खतरा रहता है. टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों में इसकी संभावना ज्यादा होती है. जब ब्लड ग्लूकोज लेवल की मात्रा जब 180 से अधिक आए तो अलर्ट हो जाना चाहिए.
हाइपरग्लेसेमिया के शुरुआती लक्षण
हाइपरग्लेसेमिया के गंभीर लक्षण
कब डॉक्टर के पास जाएं
जब शरीर का ब्लड ग्लूकोज लेवल 300 से ऊपर चला जाए और उपर बताए गए लक्षण दिखने लगें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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