डीएनए हिंदी : आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, खराब लाइफस्टाइल और दिनभर ऑफिस में डेस्क पर बैठकर काम करने के कारण कई लोगों को पीठ या रीढ़ की हड्डी में (Spinal Pain) भयंकर दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है. ऐसे में लोग इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए कई तरह की दवाओं का सहारा लेते हैं या फिर घरेलू नुस्खे अपनाते हैं. लेकिन फिर भी ये समस्या दूर नहीं होती है. अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो आपके लिए सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि रीढ़ की हड्डी में किन कारणों की वजह से दर्द हो रहा है, ताकि आप सही (Spinal Pain Causes) कारण को समझ कर दर्द से छुटकारा पाने के लिए सही इलाज या बचाव के उपाय अपना (Spinal Pain Causes In Hindi) सकें. आइए जानते हैं रीढ़ की हड्डी में दर्द होने के कारण क्या हैं, साथ ही जानेंगे इसके बचाव के उपाय...
रीढ़ की हड्डी में दर्द के कारण (Causes Of Spinal Pain)
- अगर आपकी रीढ़ की हड्डी में लगातार दर्द हो रहा है तो इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं. बता दें कि पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों में खिंचाव और मोच, निचले हिस्से में दर्द के कुछ आम आम कारण हैं.
यह भी पढ़ें : ब्लड सर्कुलेशन बेहतर कर जोड़ों के दर्द-अकड़न से निजात दिलाता है ये तेल, ऐसे करें इस्तेमाल
- वहीं बार-बार भारी सामान उठाने से रीढ़ पर बहुत दबाव पड़ता है और इससे पीठ की मांसपेशियों और लिगामेंट्स को नुकसान पहुंचता है. इतना ही नहीं यह पीठ पर लगातार दबाव, मांसपेशियों में ऐंठन, उभरी हुई या टूटी हुई डिस्क और डिस्क की हड्डियों के बीच कुशन प्रभावित करता है.
- इसके अलावा रीढ़ की मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से सॉफ्ट टिशू में सूजन की समस्या हो सकती है और इसके कारण रीढ़ के हिस्से में गंभीर दर्द और ऐंठन का सामना करना पड़ सकता है.
- अगर किसी व्यक्ति को हर्नियेटेड डिस्क की समस्या है तो इसके कारण भी दर्द हो सकता है. बता दें कि सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस और सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस, ये दोनों ही स्थितियां रीढ़ की हड्डी में दर्द का कारण बनती हैं. इसके अलावा थोरैसिक डिस्क हर्नियेशन की स्थिति में भी रीढ़ में गंभीर दर्द की समस्या होती है.
यह भी पढ़ें : शाकाहारी लोगों में सबसे ज्यादा होती है इस विटामिन की कमी, जानें क्या हैं इसके लक्षण
रीढ़ की हड्डी से दर्द से ऐसे करे बचाव (Spinal Pain Prevention Tips)
- मोबाइल-लैपटॉप चलाते समय लंबे समय तक एक ही पोजीशन में न बैठें और लेटें.
- इसके अलावा रीढ़ को मजबूत और लचीला बनाने वाले व्यायाम करें.
- साथ ही किसी भारी वस्तु या वजन उठाते समय सावधानी बरते हैं.
- बैठते और लेटते समय अपना पॉश्चर ठीक रखें
- शरीर का वजन कंट्रोल में रखें.
- नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखना है जरूरी है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर