Diabetes Roti: डायबिटीज से चाहिए मुक्ति तो खाएं जौ, रागी और ज्वार के आटे की रोटी

Written By सुमन अग्रवाल | Updated: Oct 14, 2022, 10:29 AM IST

Diabetes में कौन से आटे की रोटियां खाएं, गेहूं की नहीं बल्कि जौ, रागी, चने की आटे की रोटियों से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है, जानें कैसे

डीएनए हिंदी: Roti For Diabetic Patient- आजकल अधिकतर लोग डायबिटीज (Diabetes) से जूझ रहे हैं, जिससे पूछो वही कहता है कि उसे शुगर हैं, ऐसे में क्या खाएं, क्या न खाएं, कौन से आटे की रोटियां खाएं, ये सवाल काफी परेशान करते हैं. कई बार दवाओं से शुगर कंट्रोल (Blood Sugar Level Control) नहीं होता ऐसे में खान पान की भूमिका बहुत बढ़ जाती है. डायबिटीज वालों रोटियां (Diabetic Roti) तो खानी चाहिए, लेकिन गेहूं के आटे (Gehu ki Roti) की रोटियों से बेहतर दूसरे मिलेट्स की रोटियां होती हैं, जिससे तुरंत ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल होता है. (Gehu Ki Roti Ke Nuksan)

डायबिटीक मरीजों (Diabetic Patient) को अपने खाने में फाइबर ज्यादा और कार्ब्स कम लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन गेहूं की रोटियों में ग्लुटन होता है जो पेट में जाकर चिपक जाता है, इसके अलावा गेहूं जब पीसकर आता है तो उसका जीआई बढ़ जाता है,जो डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसान करता है. ऐसे में आप अगर सिर्फ गेहूं की रोटी न खाएं और दूसरे मिलेट्स (Millets Roti) जैसे रागी, जौ, चना, इनकी रोटी खाएं तो आपका शुगर कंट्रोल में रहेगा. 

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ये रोटियां हैं फायदेमंद (Benefits of Millets Roti) 

चने के आटे की रोटियां

चने के आटे में घुलनशील फाइबर होता है जो कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol Control) के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसके साथ ही शुगर के अवशोषण को धीमा करता है, इससे शुगर लेवल जल्दी नहीं बढ़ता है. आज से ही चने की आटे की रोटी खाना शुरू करें. आप चाहें तो इसे गेहूं में मिक्स भी कर सकते हैं. 

जौ की रोटियां 

जौ की रोटी भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. सामान्य तौर पर बिना छिले गेहूं का ग्लाइसेमिक सूचकांक (GI) लगभग 30 होता है लेकिन पिसाई की प्रक्रिया तक गेहूं के आटे में ग्लाइसेमिक सूचकांक 70 तक पहुंच जाता है, इसलिए डायबिटीज रोगियों को प्लेन गेहूं की रोटी की जगह जौ की रोटी खानी चाहिए. 

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रागी और राजगिरा का आटा 

इन दोनों आटे में फाइबर अच्छी मात्रा में होता है, जिससे मेटाबॉलिज्म ठीक रहता है और आपका वजन भी कंट्रोल में रहता है, वजन कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है, इससे डायबिटीज भी बहुत कंट्रोल में रहती है. इस आटे में एंटी-डायबिटिक और एंटी-ऑक्सीडेटिव गुण होते हैं, जिसके चलते डायबिटीज मरीज इसे खा सकते हैं. राजगिरा को कई तरह से आप खाने में इस्तेमाल कर सकते हैं. 

ज्वार का आटा

ये भी फाइबर से भरपूर है और पचने में भी आसान होता है, इससे पाचन क्रिया भी सही होती है और शुगर भी कंट्रोल रहती है. आप इन चीजों की रोटियां दो से ज्यादा भी खा सकते हैं, इससे पेट भरा भी रहता है. इसमें कई तरह के विटामिन्स, पोषक तत्व, मिनरल्स, जैसे आयरन और मैग्नेशियम होता है, जो शुगर मरीजों के लिए बेहतर है

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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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