डीएनए हिंदीः कई बार सही डाइट लेने के बाद भी शुगर का स्तर ब्लड में बढ़ता (Blood Sugar High) रहता है और इसके पीछे एक नहीं कई वजह होती हैं. खाकर तुरंत सो जाना या एक्सरसाइज न करना (Falling Asleep Immediately After Eating or Not Exercising) जैसी आदतों से भी शुगर हाई होता है. डायबिटीज (Diabetes) के मरीज के खाने के बीच का अंतराल (Interval between Meals) भी बहुत मायने रखता है.
इन सब चीजों को ध्यान रखते हुए अगर आप यहां बताई आयुर्वेदिक औषधि ( Ayurvedic Medicine) को लेना शुरू कर दें तो आपका शुगर आसनी से कम (Blood Sugar Low Fast) हो सकता है. एनसीबीआई (NCBI) के अनुसार चिरायता (Chirayta) ब्लड शुगर लेवल को कम करने की सबसे कारगर औषधि में से एक मानी गई है. खास बात ये है कि इस पत्ते की कड़वाहट जितनी ज्यादा होती है उतना ही ये असरदार होता है. मीठे या चीनी की तलब को ये मारता भी है. तो चलिए जानें इसके गुण और सेवन का तरीका.
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शुगर बढ़ने के लक्षण
शुगर जब भी शरीर में लंबे समय तक हाई रहता है तो डायबिटीज की समस्या होती है. हांलांकि जब भी शुगर शरीर में ज्यादा होता है तो इसके संकेत कई तरह से बॉडी को मिलते हैं. जैसे बहुत ज्यादा प्यास लगना, बार-बार यूरिन का आना, मुंह का सूखना, स्किन पर फंगल इंफेक्शन ज्यादा होना, स्किन का रंग और टेक्सचर का बदलना, यूरिन से या मुंह से फलों सी गंध आना आदि.
मेयो क्लिनिक के अनुसार अनियंत्रित डायिबटीज हृदय संबंधी कई समस्याओं के जोखिम को बढ़ाता है. इसके अलावा डायबिटीज होने से व्यक्ति में तंत्रिका क्षति, किडनी डैमेज, आंखों की खराबी या अंधापन, बहरापन और अल्जाइमर जैसे कई गंभीर रोगों का खतरा होता है.
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चिरायता है डायबिटीज का नेचुरल उपचार
एनसीबीआई की रिपोर्ट में चिरायता ब्लड शुगर कम करने में बहुत ही असरदार मना गया है क्योंकि इसमें मौजूद अमारोगेंटिन बायोएक्टिव कंपाउंड होता है जो ब्लड में शुगर को कम करने का काम करता है और इंसुलिन को रेग्युलेट करता है. इंसुलिन की कमी इस कंपाउंड से पूरी होती है. इसलिए इसे नेचुरल इंसुलिन मना गया है.
इन बीमारियों में भी आता है चिरयता बहुत काम
चिराता के पत्ते से लेकर जड़ों तक में औषधीय गुण भरे हैं और आयुर्वेद में इसे कई बीमारियों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है. बुखार से लेकर कब्ज, पेट की ख़राबी, आंखों की रौशनी बढ़ाने, लिवर या आंत संबंधी दिक्कतों, शरीर या किसी अंग के सूजन, ही नहीं कैंसर तक में इसका प्रयोग बहुत इफेक्टिव माना गया है. इसके अलवा चिरायते के सेवन को स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, बिच्छू के काटने तक में फायदेमंद माना गया है.
कैसे किया जाता है चिरायते का सेवन
चिरयता की जड़ या पत्ते को रात भर पानी में भीगा कर रख दें और अगले दिन सुबह आप इसे छान कर पीएं, हालांकि ये स्वाद में बेहद कड़वा होता है. यही कारण है कि ये शुगर की काट भी है. इसके अलावा आप खाना खाने से पहले 60ml चिरायते का सेवन टॉनिक के रूप में किया जा सकता है. इसे गर्म पानी और लौंग या दालचीनी के साथ तैयार किया करके 1 से 2 बड़े चम्मच पी सकते हैं. चिरायता के पत्तों का जूस निकालकर भी पी सकते हैं.
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