Climate Change: तापमान में वृद्धि से बच्चों की बढ़ेगी मुश्किलें, 7 गुणा ज्यादा करना होगा लू का सामना

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 26, 2021, 05:18 PM IST

तापमान में वृद्धि से बच्चों की बढ़ेगी मुश्किलें

Heat Wave: तापमान में वृद्धि से वर्ष 2020 में जन्में बच्चों को 1960 के दशक में पैदा हुए बच्चों के मुकाबले कहीं अधिक आपदाओं का सामना करना पड़ेगा.

डीएनए हिंदी: जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के चलते हो रहे तापमान में वृद्धि से वर्ष 2020 में जन्में बच्चों को 1960 के दशक में पैदा हुए बच्चों के मुकाबले कहीं अधिक आपदाओं का सामना करना पड़ेगा. बच्चों को अपने दादा, दादी, नाना और नानी के मुकाबले सात गुणा अधिक लू (Heat Wave) और गर्मी झेलनी पड़ेगी. तापमान में वृद्धि के चलते बाढ़ (Flood), सूखे और फसलों के नुकसान की घटनाएं तीन गुणा ज्यादा घटेंगी. ये दावे 'सेव द चिल्ड्रन' रिपोर्ट में किए गए हैं.

गरीब मुल्कों पर बढ़ सकता है ज्यादा खतरा

इस रिपोर्ट में यह चेताया गया है कि गरीब और विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देशों के बच्चों को 1960 के दशक के मुकाबले 2020 में पैदा हुए बच्चों को 18 गुणा ज्यादा लू का सामना करना पड़ेगा. पूर्वी अफ्रीकी देश माली के बच्चों के सामने फसलों के नष्ट होने की घटनाएं 10 गुणा ज्यादा होंगी. 

तापमान वृद्धि 1.5 फीसदी तक सीमित रखने की चेतावनी

इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि पूर्व औद्योगिक काल के मुकाबले 2.6 से 3.1 डिग्री सेल्सियस तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है. वहीं इस रिपोर्ट में यह चेताया कि बच्चों को इन परेशानियों से बचाने के लिए 1.5 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि सीमित रखना जरूरी होगा. तापमान वृद्धि 1.5 डिग्री सेल्सियस रहने पर 45 फीसदी लू का सामना करना पड़ेगा. साथ ही बाढ़, सूखा और फसलों के नष्ट होने की घटनाओं में 40 फीसदी तक की कमी दर्ज की जा सकेगी.

तापमान में वृद्धि जलवायु परिवर्तन लू गर्म हवा फसलों को होगा नुकसान सूखा