डीएनए हिंदीः सर्दियों की शुरूआत हो चुकी है और ठंडी हवाओं से दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे भी बढ़ेंगे. क्योंकि ठंड इन दो बीमारियों के लिए जानलेवा होती है. जरा सी चूक से नसों के फटने या शरीर में खून का दौरा रुकने का खतरा भी बढ़ जाता है. आखिर ठंड में दिल के दौरे ये स्ट्रोक कि समस्या क्यों होती है और इससे बचने का आसान सी होम रेमेडी क्या है चलिए, जान लें.
ठंड का मौसम सबसे आम स्वास्थ्य जोखिम है, लेकिन लोग अक्सर इस खतरे को हाइपोथर्मिया या कोल्ड अटैक के रूप में देखते हैं. हालांकि, तापमान में गिरावट नसों और खून के दौरे पर फर्क पड़ता है जो हृदय और मस्तिष्क के लिए भारी पड़ता है.
नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन के हृदय रोग विशेषज्ञ, एमडी, पेट्रीसिया वासलो के अनुसार सर्दियों में दिल का दौरा अधिक आम है और इसके एक नहीं कई कराण होते हैं. जैसे-
1-ठंड के कारण ब्लड वेसेल्स सिकुड़ जाती हैं. इससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है. वहीं हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण भी नसों में जमी वसा सख्त होकर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करती है.
2-एनजाइना, या कोरोनरी हृदय रोग के कारण सीने में दर्द की समस्या भी सर्दियों में बढ़ जाती है अगर कोरोनरी धमनियां ठंड में सिकुड़ जाएं.
3-ठंड में दिल को शरीर के स्वस्थ तापमान को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त मेहनत करता है. सर्दियों की हवा इसे और अधिक कठिन बना सकती है क्योंकि इससे आपके शरीर की गर्मी तेजी से कम होने लगती है.
4-यदि आपके शरीर का तापमान 95 डिग्री से नीचे चला जाता है, तो हाइपोथर्मिया आपके हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है.
5-सर्दियों में हार्डकोर एक्सरसाइज या जिम भी दिल के दौरे की वजह बन सकती है.
6-ठंड का मौसम का इमोशनल स्ट्रेस को बढ़ता है जिससे तनाव हार्मोन का स्तर बढ़ाता जाता है. इससे भी दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा होता है.
ठंड में रखें इन बातों का ख्याल तो कभी नहीं आएगा अटैक या स्ट्रोक
दिल का दौरा चेतावनी संकेत और लक्षण
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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