आमतौर पर लोग हेल्दी और फिट रहने के लिए फिजिकल हेल्थ पर तो ध्यान देते हैं. लेकिन, अपनी Mental Health को अनदेखा कर देते हैं. यही वजह है मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं आजकल लोगों में आम होती जा रही है. बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे (Children Mental Health) भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. ऐसे में मेंटल हेल्थ का ख्याल रखना बेहद जरूरी है.
आइए World Mental Health Day 2024 के मौके पर जानते हैं किशोरों में होने वाले कुछ सामान्य मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर के बारे में, साथ ही जानेंगे इस दौरान बच्चों का ख्याल रखने के लिए माता-पिता को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए..
बच्चों में आम हैं मेंटल हेल्थ से जुड़ी ये समस्याएं
एंग्जायटी की समस्या
लक्षण
- दिल की तेज धड़कन
- सामाजिक अलगाव
- बहुत ज्यादा स्ट्रेस
ऐसे करें बचाव: अपने बच्चों को इस समस्या से बचाए रखने के लिए अपने डर के बारे में उन्हें खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित करें और डीप ब्रीथिंग जैसी एक्सरसाइज करवाएं.
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डिप्रेशन की समस्या
लक्षण
- लगातार उदासी
- गतिविधियों में रुचि न लेना
- खाने या सोने के पैटर्न में बदलाव
- लोगों से दूरी बनाना
- निगेविट विचार आना
ऐसे करें बचाव: डिप्रेशन की समस्या से बच्चों को दूर रखने के लिए बच्चों को बिना कोई सलाह या फैसला सुनाए और शांति से उनकी बातें सुनें, साथ ही उन्हें भरोसा दिलाएं कि आप उन्हें समझते हैं. इसके अलावा अगर लक्षण बिगड़ते हैं या बने रहते हैं तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर की मदद लें.
ADHD यानी (Attention-deficit/hyperactivity disorder)
लक्षण
- फोकस की कमी
- हाइपरएक्टिविटी
- जिम्मेदारियों को पूरा करने में परेशानी
- रोजमर्रा के कामों की अनदेखी
ऐसे करें बचाव: इस समस्या से बच्चों को दूर रखने के लिए कुछ कार्यक्रम आदि ऑर्गेनाइज करें और स्कूल में उन्हें सही मदद देने के लिए टीचर्स से बातचीत करें. अपने बच्चों को प्यार से समझाने की कोशिश करें.
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ईटिंग डिसऑर्डर
लक्षण
- अनहेल्दी खान-पान
- वजन कम होना
- खाने या डाइटिंग के लिए ऑब्सेशन
ऐसे करें बचाव: ये आदतें बुलिमिया नर्वोसा और एनोरेक्सिया नर्वोसा जैसे ईटिंग डिसऑर्डर का संकेत हो सकती हैं, जो शरीर के साथ दिमाग पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है. ऐसी स्थिति में बच्चों को फिजिकली एक्टिव रखें और हेल्दी खान-पान को बढ़ावा दें.
नशा संबंधी विकार
लक्षण
- व्यवहार में बदलाव
- अकेडमिक परफॉर्मेंस में गिरावट
- छिपकर काम करना या झूठ बोलना
ऐसे करें बचाव: ये कंडीशन नशीली दवाओं या शराब के मिसयूज की वजह से हो सकती है, जो सामान्य कामकाज और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है. ऐसी स्थिति में बच्चों को नशीली चीजों के सेवन के खतरों को समझने में मदद करें और किसी भी तरह के दबाव या प्रलोभनों के बारे में खुलकर उनसे बातचीत करें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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