Covid Alert: 2-3 हफ्ते में फैल सकता है कोरोना, पी लिया ये काढ़ा तो छू भी नहीं पाएगा संक्रमण, बढ़ जाएगी इम्यूनिटी

ऋतु सिंह | Updated:Oct 20, 2022, 12:15 PM IST

2-3 हफ्ते में फैल सकता है कोरोना, पी लिया ये काढ़ा तो छू भी नहीं पाएगा संक्रमण,

Omicron BF.7 in India: कोविड ओमिक्रॉन का वैरिएंट 2 से 3 हफ्ते में तबाही मचा सकता है, इसलिए जरूरी है कि आप अपनी इम्युनिटी को स्ट्रांग करें.

डीएनए हिंदीः कोरोना ओमिक्रॉन (Corona Omicron BF.7) के नए सब-वैरिएंट की एंट्री देश में हो चुकी है और त्योहारों के चलते बाजारों में उमड़ रही भीड़ से यह डर है कि दो से तीन हफ्ते में ये कहर मचा सकता है. हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोविड-19 (Covid-19) के ओमिक्रॉन वैरिएंट के नए सब-वैरिएंट को लेकर एक्सपर्ट सावधान करने लगे हैं.

खास बात ये है कि ये नया वैरिएंट अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैल रहा है और जरा सी लापरवाही खतरनाक हो सकती है. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और बेल्जियम  के बाद अब देश में भी ये वेरिएंट सामने आ चुका है. ऐसे में कोरोना को लेकर पहले से जारी दिशा-निर्देश और सावधानी के साथ अपनी इम्युनिटी को मजबूत (बनाने में जरूर लग जाएं. 

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विशेषज्ञों की राय है कि मौसम में बदलाव, फ्लू के बीच कोरोना चुपके से दस्तक दे सकता है. इसलिए कुछ चीजें अपनी डाइट में आज से ही शामिल करना शुरू कर दें. डाइट में लौकी, पालक, अंडा, ग्रीन सैलेड्स और कच्ची हल्दी का सेवन बढ़ा दें. यहां आपको कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खों के बारें में बता रहे हैं जो आपकी ही नहीं बच्चों की इम्युनिटी को भी बढ़ा देंगे और संक्रमण से बचाने में कारगर होंगे. 

तुलसी

विटामिन सी और जिंक से भरपूर तुलसी एंटी-वायरल, एंटी.बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण से भरी होती है. इसे खाना या इसका काढ़ा पीना  संक्रमण से बचाने का सबसे आसान, सस्ता और कारागर उपाय है.  इतना ही नहीं ये तनाव और ब्लड शुगर को भी कम करती है. तुलसी का काढ़ा गठिया रोगियों के लिए दवा समान होता है क्योंकि ये सूजन-रोधी और दर्द निवारक होती है. पाचन तंत्र के लिए भी बेस्ट है. 

दालचीनी
दालचीनी एंटीऑक्सीडेंट गुणों  से भरी होती है और ये आंतरिक संक्रमण को खत्म कर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है. पुरानी बीमारियों पर ही नहीं, हॉर्मोनल डिसबैलेंस्ड को भी सुधारती है. मेटाबॉलिज्म के साथ ये मस्तिष्क की कार्य प्रणाली को सुधाने वाली मानी गई. शरीर को मुक्त कणों से बचाती है क्योंकि इसमें फ्लेवोनोइड्स नामक एंटीऑक्सिडेंट है.  सर्दी-जुकाम में इसका काढ़ा बहुत फायदेमंद होता है. 

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काली मिर्च
गले में इंफेक्शन, सूजन और किसी भी तरह के संक्रमण को खत्म करने में काली मिर्च बहुत फायदेमंद है. गठिया, कैंसर और डायबिटीज में इसका सेवना रामबाण दवा की तरह काम करता है. काली मिर्च में पोपरिन नामक एक यौगिक मेटाबाॅिलक रेट को सुधारता है और बाहरी संक्रमण से शरीर को बचाता है. यही नहीं ये कफ बाहर निकालने में भी कारगर है. ये प्रतिरक्षा को बढ़ावा देकर अस्थमा जैसी बीमारी को भी कंट्रोल करती है. 

लौंग
लौंग का नियमित रूप से सेवन करने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है क्योंकि यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. यह उन्हें मुक्त कणों से लड़ने और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करता है. लौंग में एंटीसेप्टिक, रोगाणुरोधी और एंटीवायरल गुण भी हैं. लौंग का काढ़ा पीने से पाचन, चयापचय दर और मौखिक स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास भी होता है. लौंग में यूजेनॉल होता है जो कफ को साफ करने में मदद कर सकता है.

हल्दी
हल्दी कच्ची ज्यादा फायदेमंद होती है क्योंकि इसमें करक्यूमिन ज्यादा होता है और ये करक्यूमिन एंटी- इंफ्लेमेटरी गुणों से भरी होती है. सूजन कम करने के साथ ही ये इंफेक्शन से बचाती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देती है. अल्जाइमर से लेकर कैंसर तक में बहुत फायदेमंद होती है. हल्दी में मौजूद करक्यूमिन इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम को मैनेज करने में भी मदद करता है और लीवर की क्षति, पित्त पथरी और अन्य लीवर की स्थितियों से बचाता है. 

अदरक
अदरक की चाय या काढ़ा संक्रमण को दूर करने में मददगार है.  अदरक इंफेक्शन से बचाने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इसमें फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जिन्हें जिंजरोल के रूप में जाना जाता है जिसमें रोगाणुरोधी और सूजन रोधी प्रभाव होते हैं. अदरक पाचन संबंधी परेशानी को कम करने और रक्तचाप को कम करने में भी मदद कर सकता है.  वजन कम करने से लेकर माइग्रेन या सिरदर्द में भी ये प्रभावकारी है. 

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शहद या गुड़
गुड़ या शहद शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हैं. ये हर तरह के वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मददगार हैं. शहद को जीवाणुरोधी और सूजन रोधी माना गया है वहीं गुड. डैमेज सेल्स की मरम्मत करने के साथ ही कफ और गले की खराश को दूर करने वाला होता है. गर्म प्रकृति के कारण ये दोनों ही ठंड में जरूर खाना चाहिए.  

नोटः आप इन सारी चीजों को एक साथ मिलकर काढ़ा तैयार कर लें और इसे सुबह और शाम दो कप पीना शुरू कर दें. स्वाद और सेहत दोनों के लिए ये बेहतरीन काढ़ा साबित होगा.
 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

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