डीएनए हिंदी: New Corona Variant in India- कोरोना वायरस महामारी से मची तबाही को अभी ज्यादा समय नहीं बीता है. महज तीन साल पहले ही लगभग पूरी दुनिया ने इस महामारी का भयानक रूप देखा था, जिसमें लाखों लोग मारे जा चुके हैं. हालांकि ज्यादातर देशों में कोरोना वैक्सीन आने के बाद यह महामारी काबू में आ चुकी है, लेकिन कई देशों में अब भी इस वायरस की चपेट में आकर लोगों के मरने के केस मिल रहे हैं. ऐसे में अब एक ऐसी खबर सामने आई है, जिससे कोरोना महामारी का खौफ फिर से फैलता दिख रहा है.
दरअसल कोरोना वायरस का एक नया सब-वेरिएंट JN.1 सामने आया है, जिसने अमेरिका में एक बार फिर तेजी से नए कोरोना केस बढ़ाने शुरू कर दिए हैं. अमेरिका में तमाम तरह की कोरोना वैक्सीन के बावजूद HV.1 सब-वेरिएंट ही अब तक काबू में नहीं आया था. ऐसे में नए वेरिएंट से हालात थोड़ा बिगड़ने का डर तेजी से फैल रहा है. भारत के लिए चिंता की बात ये है कि अमेरिका में परेशानी का सबब बना नया कोरोना सब-वेरिएंट JN.1 यहां भी पहुंच गया है. केरल (Coronavirus in Kerala) में कोरोना संक्रमण (COrona Infection) के लक्षणों वाले कई मरीजों में यह नया सब-वेरिएंट पाया गया है. बता दें कि साल 2020 में चीन से निकलकर दुनिया में तबाही मचाने के दौरान भारत में इस महामारी ने केरल के रास्ते ही पैर जमाए थे.
क्या पता लगा है अब तक नए वेरिएंट के बारे में
केरल में JN.1 सब-वेरिएंट के केस पहली बार मिले हैं. भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम यानी INSACOG ने भी केरल मे इस वेरिएंट के केस मिलने की पुष्टि की है. नया सब-वेरिएंट JN.1 वास्तव में Omicron सब-वेरिएंट BA. 2.86 वेरिएंट से बना है, जो बेहद संक्रामक माना गया था. पहली बार अगस्त, 2023 में यूरोप के लक्जमबर्ग में कोरोना के इस नए वेरिएंट का कोई केस मिला था. इसके बाद यह तेजी से यूरोप के अन्य देशों में भी फैल गया. अब यह अमेरिका में तेजी से नए मामलों की झड़ी लगा रहा है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने JN.1 वेरिएंट पर गहन रिसर्च की है. उनका मानना है कि यह वेरिएंट अब तक आए सभी कोरोना वेरिएंट में सबसे ज्यादा संक्रामक है और इसके पास मौजूदा सभी तरह की कोरोना वैक्सीन की इम्युनिटी को धोखा देने का गुण है. यही वो कारण है, जिसके चलते इसे चिंताजनक माना जा रहा है.
केरल में ही हैं देश के 75% कोरोना केस
कोरोना वैक्सीन लगे हुए लंबा अरसा बीतने के बावजूद भारत में कोरोना के मामले अभी तक पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं. फिलहाल देश में करीब 938 एक्टिव केस हैं, जिनमें 768 अकेले केरल में हैं. इस कारण ही केरल में नया वेरिएंट मिलने से ज्यादा चिंता हो रही है. केरल में हाल ही में कोविड-19 केस बढ़े हैं, जिसका कारण यही सब-वेरिएंट माना जा रहा है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की कोविड टास्क फोर्स (Covid Task Force)के को-चेयरमैन डॉ. राजीब जयदेवन ने भी यह बात मानी है.
अमेरिका में JN.1 के साथ HV.1 भी बना खतरनाक
अमेरिका में अचानक ऐसे कोरोना केस बढ़ गए हैं, जिनमें मरीज सांस नहीं ले पा रहे हैं यानी ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत बढ़ी है. वहां JN.1 के साथ ही अक्टूबर से वहां HV.1 कोरोना सब-वेरिएंट ने भी खतरनाक रूप ले लिया है. अमेरिका में 30 फीसदी नए केस HV.1 और 21 फीसदी नए केस JN.1 वेरिएंट के कारण हैं. इन दोनों के अलावा EG.5 सब वेरिएंट के केस भी सामने आ रहे हैं. इसके चलते अब वहां तेजी से ऐसे मरीज बढ़ रहे हैं, जिनमें हॉस्पिटल में भर्ती कराने की नौबत आ रही है.
WHO ने दी सर्दी में सावधान रहने की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी नए सब-वेरिएंट को लेकर चेतावनी दी है. WHO के एक्सपर्ट्स का कहना है कि सर्दी में यह वेरिएंट नए मरीज बढ़ा सकता है. यदि बुखार, खांसी, थकान, डायरिया, सिरदर्द जैसी तकलीफ दिखाई दे तो सतर्क हो जाएं और कोरोना टेस्ट करा लें.
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