डीएनए हिंदी: आज यानी 17 नवंबर विश्व क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease (COPD) डे है. इस बीमारी में फेफड़े कमजोर हो जाते हैं और इसमें सूजन की समस्या भी होने लगती है. ये एक क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी लंग डिजीज है, जो फेफड़ों और सांस की नली को प्रभावित करती हैं. इससे मरीज को सांस लेने में कठिनाई, खांसी, बलगम का बनना और घरघराहट की समस्या बनी रहती है.
सीओपीडी इरिटेटिंग गैसों या पार्टिकुलेट मैटर के लंबे समय तक संपर्क की वजह से होता है, जो अक्सर सिगरेट के धुएं से होता है. सीओपीडी से पीड़ित लोगों में हृदय रोग, फेफड़ों के कैंसर और कई अन्य स्थितियों के विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है.
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वातस्फीति और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस (Emphysema and Chronic Bronchitis) के लिए सीओपीडी ही जिम्मेदार होता है. क्रोनिक ब्रोंकाइटिस ब्रोन्कियल नलियों के लाइनिंग की सूजन है, जो फेफड़ों के एल्वियोली से हवा को ले जाती है. जबकि
वातस्फीति में सिगरेट के धुएं और दूसरे गैसों और पार्टिकुलेट मैटर के कारण फेफड़ों के सबसे छोटे वायु मार्ग (ब्रोन्कियोल्स) के अंत में एल्वियोली नष्ट हो जाती है.
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COPD के प्रमुख लक्षण
- रेस्पिरेटरी सिस्टम में बार-बार इन्फेक्शन का होना
- सांस की नली में घरघराहट होते रहना
- सीने में जकड़न बने रहना
- सांस लेने में दिक्कत महसूस होना या सांस का फूलना
- खांसी का लगातार आते रहना
- खांसी के साथ बलगम का आना ये सफेद, पीला या हरा हो सकता है
- बेहद कमजोरी महसूस होना
- पैरों में सूजन
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सीओपीडी का कारण
सीओपीडी का सबसे बड़ा कारण स्मोकिंग है. दूसरे कारणों में प्रदूषण, चूल्हे का धुंआ, धूल आदि है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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