Curd Benefits: दही के फायदे या नुकसान क्यों छिड़ी है बहस

| Updated: Jul 15, 2024, 03:51 PM IST

Curd Benefits In Summer

दही खाना गर्मी में अच्छा है या सर्दियों में. इसे लेकर आयुर्वेद और एलोपैथ के डॉक्टरों में बहस छिड़ गई है. आयुर्वेद के विशेषज्ञ कहते हैं दही की तासीर गर्म होती है. वहीं एलोपैथ और मेडिसिन के डॉक्टर गर्मियों में दही खाने की सलाह देते हैं.

 Dahi Khane Ke Fayde:गर्मियां शुरू होते ही लोगों के खाने में दही शामिल हो जाता है वो रायता के रूप में हो या फिर छाछ, दही या फिर लस्सी के रूप में. ऐसा माना जाता रहा है कि दही गर्मी में आपके तन मन को ठंडक और शीतलता प्रदान करता है और पेट की गर्माहट से हमें बचा कर रखता है. तो क्या सचमुच दही इतना करामाती होता है जो शरीर को शीतल कर दे. हालांकि आयुर्वेद और एलोपैथ में इसे लेकर भारी विरोधाभास है.

आयुर्वेद की मानें तो दही की तासीर गर्म होती हैं इसका सेवन करने से शरीर में गर्मी बढ़ भी सकती है.

इंस्टाग्राम पर एक वीडियो जिसमें डॉ. निशांत गुप्ता कहते नजर आ रहे हैं कि दही आपको गर्मियों में कूल कूल नहीं रख सकता है क्योंकि दही की तासीर गर्म है. 

वहीं एलोपैथ और मेडिसिन के डॉक्टर आयुर्वेदिक सलाह को सिरे से खारिज करते हुए कहते हैं कि गर्मियों में दही खाने की सलाह हमेशा दी जाती है. 

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, जयपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.  राकेश सिंह कहते हैं कि दही की तासीर गर्म होती है और सर्दियों में दही खाना चाहिए. जबकि डायटीशियंस दही की तासीर को ठंडा बताती हैं.

जी सुषमा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है, "दही का शरीर पर ठंडा प्रभाव पड़ता है. यह शरीर की गर्मी को कम करने में मदद करता है और गर्मी से राहत देता है." 

दही न केवल रिफ्रेशिंग होता है बल्कि पाचन क्रिया में भी मदद करता है. यह न केवल शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है साथ ही इसमें कैल्शियम और प्रोबायोटिक जैसे पौष्टिक तत्व भी पाए जाते हैं.  


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गर्मियों में दही का पाचन पर प्रभाव

दही एक प्रोबायोटिक भोजन है, जिसमें लैक्टोबैसिलस जैसे लाभदायक बैक्टीरिया होते हैं जो शरीर में पोजिटिव  परिवर्तन कर सकते हैं . ये शरीर में पनप रहे बैक्टीरिया को बे असर करके पाचन तंत्र को सुदृढ़  करते हैं.

लेकिन दही खाने से कुछ खतरे भी होते हैं जैसे 

मोटापा
दही में कैलोरी और फैट होता है जो वजन को बढ़ाता है लेकिन यदि आपको दही खाना  है तो आप लो फैट दही को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं. 
लैक्टोज इंटोलरेंस
दही में लैक्टोज होता है, जो लैक्टोज इंटोलरेंस लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है.
किडनी की समस्या
दही में कैल्सियम की प्रचुर मात्रा होती है इसलिए किडनी से जुड़ी समस्या वाले लोगों को दही के सेवन से बचना चाहिए.
मेमोरी पर असर 
दही का जरूरत से अधिक सेवन मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर भी असर डाल सकता है.
सर्दी जुखाम
दही की तासीर गर्म होती हैं यदि आपको अस्थमा की बीमारी है तो आपको दही के सेवन से बचना चाहिए.

लस्सी बनाकर
दही में पानी और चीनी मिलाकर लस्सी बनाकर पिएं इससे दही की तासीर बैलेंस हो जाती हैं यह गर्मी को कम कर देता है.
घी के साथ 
यदि आपको वजन बढ़ाना है तो आयुर्वेद के अनुसार दही के साथ घी मिलाकर खाएं.

इन सब बहस के बीच आयुर्वेद हो या फिर एलोपैथ दोनों ही डॉक्टरों का ये मानना है कि दही का सेवन हर मामले में बेहतरीन होता है. गर्मी में इसके कूलिंग प्रॉपर्टी, डायजेस्टिव बेनीफिट्स हैं. लेकिन जो ध्यान रखना है कि यह हमेशा फ्रेश और ठीक तरह से जमाया गया हो. 

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