डीएनए हिंदी: (Protest Against Right To Health) राइट टू हेल्थ के विरोध में लगातार डाॅक्टरों का प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है. राजस्थान के बाद दिल्ली के अस्पतालों के बाहर डाॅक्टरों ने कैंडल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया. आरएमएल से लेकर सफदरजंग अस्पताल की ओपीडी के सामने कैंडल मार्च विरोध प्रदर्शन किया गया. डॉ स्वाति डांगे संयुक्त सचिव आरडीए सफदरजंग के साथ डॉ राकेश बागड़ी पूर्व अध्यक्ष फेमा, डॉ गणेश मीणा, डॉ दीपक सुमन, मुख्य सलाहकार एफएआईएमए और राजस्थान के डॉक्टरों के समर्थन में आरएमएल के डॉ मनीष झगरा, एलएचएमसी एम्स सफदरजंग जैसे विभिन्न अस्पतालों के एफएआईएम, प्रतिनिधि इसमें शामिल रहे.
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डॉक्टर्स ने कहा कि राजस्थान सरकार स्वास्थ सुविधाओं को बढ़ाने की जगह डॉक्टर्स के काम में ही बाधा डाल रही है. इस बिल को डॉक्टरों में असंवैधानिक करार दिया है. डॉक्टरों ने राजस्थान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए राइट टू हेल्थ बिल वापस लेने की मांग की फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ;एफएआईएफएद्ध के महासचिव डॉ मनीष झांगरा ने कहा कि राइट टू हेल्थ सरकार की जिम्मेदारी है न कि प्राइवेट हॉस्पिटल की. यह असंवैधानिक बिल है, जिससे कि डॉक्टर्स व मरीजों के बीच में द्वेष पैदा होगा.
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डाॅक्टरों की बिल वापस लेने की मांग
इस प्रदर्शन में डाॅक्टरों ने राजस्थान सरकार से मांग करते हुए कहा कि वह जल्द से जल्द इस बिल को वापस लें. अन्यथा राजस्थान से लेकर दिल्ली ही दूसरे राज्यों में इसके खिलाफ आवाज उठाई जाएगी. यह डाॅक्टरों पर अन्याय जैसा है. यह मरीजों और डाॅक्टरों के बीच दूरी बढ़ाने के साथ ही विश्वास को कम करता है. इस बिल को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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