डीएनए हिंदीः आई फ्लू या कंजंक्टिवाइटिस को 'पिंक आई'भी कहा जाता है. आंखों में सूजन, खुजली, लगातार पानी आना और आंख के सफेद हिस्से का लाल होना या बहुत ज्यादा आंखों में कीचड़ का आना ही इस बीमारी का लक्षण है.
कंजंक्टिवाइटिस एडेनोवायरस के कारण होता है.और अगर आपको भी ये लगता है की कंजंक्टिवाइटिसवाले व्यक्ति की आंखों में देखेने से ये होता है तो इस गलतफहमी को दूर कर लें और इसके बचाव के तरीकों को जान लें.
असल में कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित व्यक्ति अपनी आंखों को खुजलाता और रगड़ता रहता है और उसके बाद वह जिस चीज को भी छूता है उसपर वायरस मौजूद रहता है. गलती से भी उसकी छूई चीजों पर आपका हाथ गया तो ये आपके लिए भी खतरा पैदा कर देता है. इसलिए स्वस्थ हो या बीमार सभी लोगों को अपने हाथ अच्छी तरह धोने के बाद ही अपनी आंखों को छूना चाहिए .
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए
आंखों की कुछ गंभीर स्थितियां हैं जो आंखों की लाली का कारण बन सकती हैं. इन स्थितियों के कारण आंखों में दर्द हो सकता है, ऐसा महसूस हो सकता है कि आपकी आंख में कुछ फंस गया है, धुंधली दृष्टि और प्रकाश संवेदनशीलता हो सकती है. यदि आप इन लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो तत्काल देखभाल लें.
जो लोग कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं उन्हें कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण शुरू होते ही अपने कॉन्टैक्ट लेंस पहनना बंद कर देना चाहिए. यदि आपके लक्षण 12 से 24 घंटों के भीतर ठीक होना शुरू नहीं होते हैं, तो यह सुनिश्चित करने के लिए अपने नेत्र चिकित्सक से संपर्क करें.
कंजंक्टिवाइटिस को फैलने से कैसे रोकें
- अपनी आंखों को अपने हाथों से न छुएं.
- अपने हाथ बार-बार धोएं.
- प्रतिदिन एक साफ तौलिया और वॉशक्लॉथ का प्रयोग करें.
- तौलिए या वॉशक्लॉथ साझा न करें.
- अपने तकिए के गिलाफ बार-बार बदलें.
- काजल जैसे पुराने आंखों के सौंदर्य प्रसाधनों को फेंक दें.
- आंखों के सौंदर्य प्रसाधन या व्यक्तिगत आंखों की देखभाल की वस्तुएं साझा न करें.
- ऐतिहातन आप नो पावर चश्मे का यूज कर सकते हैं.
ध्यान रखें कि कंजंक्टिवाइटिस को साफ सफाई से ही बचा जा सकता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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