Dengue Treatment at Home : डेंगू में ये 3 छोटी भूल ही बनती है जानलेवा, घर पर ही इन आसान तरीकों से करें इलाज

Written By ऋतु सिंह | Updated: Oct 29, 2022, 08:56 AM IST

डेंगू में ये 3 छोटी भूल ही बनती है जानलेवा, घर पर ही इन आसान तरीकों से करें इलाज

Mistakes are Deadly in Dengue: डेंगू का इलाज घर पर ही हो सकता है लेकिन अगर आप तीन भूल कर दें तो हॉस्पिटल जाकर भी जान नहीं बचाई जा सकती है.

डीएनए हिंदीः डेंगू बुखार का प्रकोप कामय है और इससे डरने की जरूरत इसलिए है कि ये जानलेवा बीमारी छोटी सी भूल से भी खतरा पैदा कर देती है. हालांकि एक बात याद रखनी चाहिए कि डेंगू का इलाज घर पर ही किया जा सकता है और इसके लिए हॉस्पिटल जाने की जरूरत तब तक नहीं जब तक कुछ इमरजेंसी न आएं. 
डेंगू में सावधानी और खानपान का ध्यान रखना ही इसका इलाज है. ठीक उसी तरह जिस तरह कोरोना का इलाज घर पर संभव था उसी तरह डेंगू का इलाज भी संभव है. बस इसके लिए कुछ बातें जरूर गांठ बांध लें क्योंकि तीन छोटी सी लापरवाही के कारण ही मरीज की जान जाती है. तो चलिए आपको आज डेंगू से जुड़ी वो सारी जानकारी दें, जिससे आप इस बीमारी से डरे नहीं बल्कि इसका इलाज खुद घर पर कर सकें.

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ये तीन भूल कभी न करें

  1. डेंगू में अगर आप बहुत ज्यादा घूम-टहल रहे तो ये आपकी बीमारी को और बढ़ाएगा. बहुत बात या काम करना आपके प्लेटलेट्स को कम करेगा. इसलिए इस बीमारी आराम एक दवा की तरह काम करता है. कंप्लीट बेड रेस्ट होना चाहिए.
  2. अगर आपके शरीर में पानी की कमी है तो ये भी जानलेवा बन सकती है. डेंगू में शरीर में पानी की कमी खतरनाक होती है इसलिए जितना हो सके पानी, इलेक्ट्रॉल और फलों का जूस पीएं. खास कर विटामिन सी युक्त चीजों को खूब खाएं. नारियल पानी पीने से आपके अंदर ताकत आएगी.
  3. तीसरा अगर आप बिना डॉक्टर से पूछे बुखार उतारने के लिए एंटीबॉयोटिक्स ले रहे हैं तो ये आपके प्लेटलेट्स को तेजी से गिराने का काम करेगी. इसलिए डेंगू में केवल पैरासिटेमॉल ही लेना चाहिए.

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बुखार आने पर पैरासिटेमॉल कितना लें
बुखार आने पर वजन के हिसाब से पैरासिटामोल टैबलेट लेलना चाहिए.पैरासिटामोल 15 एमजी प्रति किलो वजन के हिसाब से लेनी चाहिए. डेंगू में कोई भी दवा बिना डॉक्टर के सलाह पर न लें. बुखार 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा है तो शरीर पर पानी की पट्टियां रखें.  हालांकि कुछ आयुर्वेदिक पत्तों का रस जैसे पपीते के पत्ते का रस, गिलोय का जूस, बकरी का दूध आदि जरूर पीते रहना चाहिए.

लिक्विड डाइट क्यों है डेंगू में जरूरी
डेंगू के मरीज ज्यादा से ज्यादा लिक्विड लेकर जल्दी रिकवर कर सकते हैं. ये मरीज के प्लेटेलेट्स गिरने से बचाते हैं और कमजोरी को दूर करते हैं. 

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डेंगू के लक्षण

  • ठंड के साथ तेज बुखार
  • आंखों के पिछले हिस्से में दर्द शुरू होता है
  • शरीर और जोड़ं-जोड़ में दर्द होना 
  • सिरदर्द का लगातार बने रहना
  • उल्टी आना
  • पेट में दर्द
  • वीकनेस बहुत ज्यादा होना
  • बहुत ज्यादा थकान
  • प्लेटलेट कम होना और सांस फूलना
  • गले में हल्का सा दर्द होना
  • शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लालगुलाबी रंग के रैशेज होना

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डेंगू के मच्‍छर के काटे जाने के करीब 35 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं. शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है.

ये कराएं टेस्ट

अगर तेज बुखार होए जोड़ों में तेज दर्द हो या शरीर पर रैशेज हों तो पहले दिन ही डेंगू का टेस्ट करा लेना चाहिए. अगर लक्षण नहीं हैंए पर तेज बुखार बना रहता है तो भी एकदो दिन के इंतजार के बाद फिजिशियन के पास जरूर जाएं. डेंगू की जांच के लिए शुरुआत में एंटीजन ब्लड टेस्ट ;एनएस 1द्ध किया जाता है. इस टेस्ट में डेंगू शुरू में ज्यादा पॉजिटिव आता हैए जबकि बाद में धीरेधीरे पॉजिविटी कम होने लगती है. यह टेस्ट करीब 1000 से 1500 रुपये में होता है. टेस्ट की रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाती है.

कब प्लेटलेट्स होती हैं चिंताजनक 

तंदुरुस्त व्यक्ति के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं. जरूरी नहीं है कि जिसे डेंगू हो उसकी प्लेटलेट्स नीचे ही आएं. प्लेटलेट्स अगर एक लाख से कम हैं तो मरीज को फौरन अस्पताल जाना चाहिए. अगर प्लेटलेट्स गिरकर 20 हजार तक या उससे नीचे पहुंच जाएं तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. 4050 हजार प्लेटलेट्स तक ब्लीडिंग नहीं होती. अगर प्लेटलेट्स तेजी से गिर रहे हैंए मसलन सुबह एक लाख थे और दोपहर तक 5060 हजार हो गए तो शाम तक गिरकर 20 हजार पर पहुंचे हो तो यह खतरनाक है.

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कब दिखती है बीमारी

ये बरतें एहतियात

  • ठंडा पानी न पीएं, मैदा और बासी खाना न खाएं.
  • खाने में हल्दीए अजवाइनए अदरक, हींग का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें.
  • पत्ते वाली सब्जियां, अरबी. फूलगोभी न खाएं.
  • हल्का खाना खाएं.
  • पूरी नींद लें, पानी को उबालकर पीएं.
  • मिर्च मसाले और तला हुआ खाना न खाएं, भूख से कम खाएं, पेट भर न खाएं.
  • खूब पानी पीएं. छाछ, नारियल पानी, नीबू पानी आदि खूब पिएं.
  • चिकन-मटन या मछली खाने से बचें.
  • खूब आराम करें, बात भी कम करें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

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