डीएनए हिंदी: डायबिटीज उन खतरनाक बीमारियों में से एक है, जो व्यक्ति के शरीर में घर करने के बाद मरते दम तक खत्म नहीं होती. इस बीमारी को सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है. अब तक इसे क्योर करने की कोई सीधी दवाई नहीं बन सकती है. ऐसे में सही खानपान, परहेज, वर्कआउट और दवाईयों के सेवन से ही इसे कंट्रोल रखा जा सकता है, लेकिन इसका हाई लेवल अंदर ही अंदर शरीर में कई गंभीर बीमारियों को जन्म देने लगता है. यह न सिर्फ आपको अंधा बना सकता है. इसमें हाई ब्लड शुगर की वजह किडनी से लेकर हार्ट फैल तक हो सकता है. यही वजह है कि डायबिटीज मरीजों को बहुत ही देख भाल की आवश्यकता होती है. खासकर खानपान का बेहद ध्यान रखना होता है. डाइट से मीठी चीजों को बाहर कर दें. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो डायबिटीज शरीर में इन 5 गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं.
डायबिटीज से हो सकता है किडनी फेलियर
डायबिटीज मरीजों में अगर ब्लड शुगर हाई रहता है तो यह आपकी किडनी के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. यह किडनी में बने छोटे छोटे फिल्टर, जिन्हें नेफ्रॉन कहते हैं तो उन्हें प्रभावित करता है. अगर आपको डायबिटीज है और ब्लड शुगर लेवल बढ़ा रहता है तो समय के साथ ब्लड वेसल्स का नुकसान होना शुरू होता जाता है. इसकी लगातार यह स्थिति किडनी फेलियर का कारण बन सकती है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए ब्लड शुगर को कंट्रोल रखें. इसकी जांच कराते रहें. इसके साथ ही किडनी की जांच भी बेहद जरूरी है.
डायबिटीज रेटिनोपैथी
डायबिटीज रेटिनोपैथी आंख से जुड़ी एक समस्या है. यह बीमारी डायबिटीज मरीजों में हाई ब्लड शुगर की वजह से पैदा होती है. इसकी वजह से वर्किंग एज एडल्ट में भी ब्लाइंडनेस की वजह स्थिति होने लगती है. इसकी वजह डायबिटीज में हाई ब्लड शुगर का होना है. यह रेटिना के ब्लड वेसल्स को डैमेज कर देते है. इसी के चलते डैमेज्ड ब्लड वेसल्स में सूजन आ जाती है और यह लीक होना शुरू हो जाती हैं. ऐसे में ब्लड फ्लो धीमा पड़ जाता है. वहीं आंखों की रोशनी प्रभावित होने लगती है. पहले तो इसमें धुंधला दिखता है, लेकिन कुछ दिन बाद ही आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली जाती है.
डायबिटीज से बढ़ता हार्ट डिजीज का खतरा
ब्लड में ग्लूकोज का हाई लेवल हार्ट फंक्शन कंट्रोल करने वाली वेसल्स और नर्वस को नुकसान पहुंचाता है. लगातार ब्लड शुगर हाई होने की वजह से नर्वस बुरी तरह प्रभावित होती हैं. इसकी वजह से ही हार्ट डिजीज का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है. वहीं डायबिटीज के मरीज में सामान्य व्यक्ति की तुलना में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कहीं ज्यादा होता है.
मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता बुरा असर
डायबिटीज मरीजों में ब्लड शुगर का हाई लेवल आपके मूड फ्रिक्वेंट में भी घड़ी घड़ी बदलाव कर सकता है. यह मूड स्विंग की वजह बनता है. इसकी वजह से ही मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती है. इसकी वजह से ही थकान, बेचैनी और सोचने समझने की क्षमता कम हो सकती है. इसके अलावा यह डिप्रेशन का शिकार भी बना सकती है. यही वजह है कि किसी भी सामान्य व्यक्ति की तुलना में डायबिटीज मरीजों में डिप्रेशन और एंजायटी का खतरा ज्यादा होता है.
ओरल हेल्थ के लिए भी खतरनाक
डायबिटीज मरीजों में दिल से लेकर किडनी के अलावा ओरल हेल्थ का खतरा भी काफी ज्यादा होता है. इसकी वजह से दांत संबंधी समस्या हो सकती हैं, जो सामान्य लोगों की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज मरीजों में डेंटल संबंधी समस्याओं को पैदा कर सकती है. यह तीन गुना ज्यादा हो सकती है. इसके साथ ही मसूड़ों को प्रभावित कर सकती हैं. अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं. साथ ही ब्लड शुगर हाई रहता है तो नियमित रूप से डेंटिस्ट से अपने दांतों की जांच जरूर कराएं. यह गंभीर रूप ले सकती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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