डीएनए हिंदीः मधुमेह यानी डायबिटीज को कंट्रोल में करने का एक मात्र तरीका है दवा, एक्सरसाइज और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड के साथ कुछ जड़ी-बूटियों का सेवन. भारतीय रसोई जड़ी बूटियों और मसालों का खजाना है और इसमें कई ऐसे मसाले हैं जो ब्लड शुगर को तेजी से कम करते हैं.
पौधे की छाल, जड़, कली या बेरी से बने मसाले आम तौर पर ताजे के बजाय सुखाकर उपयोग किए जाते हैं, इसमें आवश्यक तेल सामग्री अत्यधिक केंद्रित होती है. इन मसालों में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो समग्र स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाते हैं. कुछ मसालों को प्रभावी तरीके से रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने के लिए जाना जाता है. हम एक खास मसाले के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जिसमें शुगर को कम करने की अद्भुत शक्ति है. ये मसाला है जावित्री.
ये मसाला आसानी से आपकी किचन कैबिनेट में मिल जाएगा, तो चलिए जानें क्यों और कैसे जावित्रि शुगर को कम करने में कारगर है.
जावित्री है इस पेड़ की छाल
जावित्री जिसका इस्तेमाल हर भारतीय किचन में किया जाता है,ये जायफल के पेड़ के सूखेदार छाल होते हैं. इसी पेड़ के बीज को जायफल कहा जाता है. इसका इस्तेमाल सिर्फ डायबिटीज में ही नहीं बल्कि कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है. इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बूस्ट होती है. पुराने जमाने में यह आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में इस्तेमाल होता रहा है.
डायबिटीज में जावित्री के फायदे
जावित्री में एंटी- डायबिटीक गुण होता है. ये अल्फा-एमिलेस नामक एंजाइम को नियंत्रित करके ब्लड शुगर में कमी ला सकता है.जावित्री में कई औऱ भी औषधीय गुण पाए जाते हैं जो शरीर में ब्लड शुगर कंट्रोल करने और इंसुलिन रेजिस्टेंस को ठीक रखने में फायदेमंद माने जाते हैं. जावित्री में एस्ट्रिंजेंट और ऐफ्रोडिसीयाक गुण होते हैं, जो शरीर को कई तरह के इंफेक्शन से बचाने का काम करते हैं.डायबिटीज के मरीज मेंं अक्सर भूख और पाचन से जुड़ी समस्या भी हो जाती है इसे भी जावित्री ठीक करने में अहम भुमिका निभाता है.
कैसे बनाएं जावित्री की चाय
इसकी चाय बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में एक गिलास पानी डालें और इसमें जावित्री के टुकड़े डाल दें. इस पानी को अच्छी तरह से उबालने के लिए छोड़ दें. जब पानी उबल जाए तो इसे छान लें और आप चाहे तो इसमें एक चम्मच शहद मिला सकते हैं. हो गई आपकी जावित्री की चाय तैयार. इससे आपका ब्लड शुगर कंट्रोल में रहेगा और इन्सुलिन रेजिस्टेंस से परेशानियां कम होगी मेटाबॉलिज्म भी ठीक रहेगा.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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