डीएनए हिंदीः डायबिटीज से पीड़ित लोगों में ब्लड शुगर का उच्च स्तर फेफड़ों में प्रमुख कोशिका उपसमूहों के कार्य को बाधित करता है जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को नियंत्रित करते हैं, जिससे इन्फ्लूएंजा जैसे वायरस के साथ-साथ बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है. हाई ब्लड शुगर से फेफड़ों की गंभीर बीमारी विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके पीछे के तंत्र को समझने के लिए इज़राइल में वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के शोधकर्ताओं ने विभिन्न प्रकार के वायरल फेफड़ों के संक्रमणों के लिए टाइप 1 और 2 डायबिटीज के कई माउस मॉडल का परीक्षण किया है.
डायबिटीज वाले लोगों में कोविड या इन्फ्लूएंजा जैसे फेफड़ों के रोगजनकों के संपर्क में आने के बाद फेफड़ों में गंभीर, घातक संक्रमण विकसित होने का खतरा ज्यादा पाया गया. नेचर में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया, जो गैर-डायबिटीज रोगियों में संक्रमण को समाप्त करती है और ऊतक उपचार को प्रेरित करती है, डायबिटीज में गंभीर रूप से क्षीण हो जाती है, जिससे अनियंत्रित संक्रमण, फेफड़ों की क्षति और अंततः मृत्यु का कारण बनती है.
डायबिटीज से पीड़ित लोगों में फेफड़ों की कुछ डेंड्राइटिक कोशिकाओं की शिथिलता की पहचान की गई है जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं को डैमेज करती हैं.
इंस्टीट्यूट के पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता सैमुअल नोब्स ने कहा, हाई ब्लड शुगर का स्तर फेफड़ों में डेंड्राइटिक कोशिकाओं के कुछ उपसमूहों को गंभीर रूप से बाधित करता है, जिससे इन द्वारपालों को आणविक संदेश भेजने से रोका जाता है जो महत्वपूर्ण प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सक्रिय करते हैं. "परिणामस्वरूप, संक्रमण अनियंत्रित होकर बढ़ने लगता है.
वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि डायबिटीज के चूहों में हाई ब्लड शुगर का स्तर संक्रमण के दौरान फेफड़े के डेंड्राइटिक कोशिकाओं के सामान्य कार्य को कैसे बाधित करता है. इन कोशिकाओं में परिवर्तित शर्करा चयापचय के कारण मेटाबॉलिक बाय-प्रोडक्ट जमा होता है, जिससे असामान्य प्रतिरक्षा प्रोटीन बनता है.
वैज्ञानिकों ने आगे पाया कि इंसुलिन अनुपूरण द्वारा ब्लड शुगर के स्तर पर सख्त नियंत्रण ने डेंड्राइटिक कोशिकाओं को एक सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करने की अपनी क्षमता हासिल करने के लिए प्रेरित किया, जो गंभीर, जीवन-घातक वायरल फेफड़ों के संक्रमण की ओर ले जाने वाली घटनाओं को रोक सकता है.
तो अगर आप हाई ब्लड शुगर के मरीज हैं तो आपको सांस और फेफड़े से जुड़ी बीमारियों से बच करे रहने की जरूरत है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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