डायबिटीज मरीजों के लिए इंसुलिन से कम नहीं है ये मीठी इमली, खाते ही कंट्रोल होगा ब्लड शुगर

Written By नितिन शर्मा | Updated: Jul 31, 2023, 11:44 AM IST

डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है. इसकी मुख्य वजह खराब खानपान के साथ ही वर्कआउट न करना है. इस बीमारी को जिंदगी भर झेलना पड़ता है. इसकी वजह डायबिटीज को खत्म करने के लिए अब तक किसी दवाई का न बन पाना है. इस बीमारी को सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है. 

डीएनए हिंदी: डायबिटीज उन गंभीर बीमारियों में से एक है, जो साइलेंट तरीके से शरीर के अंदर पनप जाती है. व्यक्ति को इस बीमारी का पता घातक बनने पर लगता है. डायबिटीज को क्योर नहीं किया जा सकता. इसे जिंदगी भर झेलना पड़ता है.यही वजह है कि भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या करोड़ों में पहुंच गई है. बुजुर्ग ही नहीं युवा और बच्चे भी इस लाइलाज बीमारी से जूझ रहे हैं. इस बीमारी में शरीर में इंसुलिन बनने की प्रक्रिया धीरे धीरे कम हो जाती है. वहीं ब्लड शुगर हाई होने लगता है. ऐसी स्थिति में डायबिटीज के मरीजों को जिंदगी भर ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना पड़ता है. इसके हाई होते ही अंधेपन से लेकर जान तक चली जाती है. 

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डायबिटीज दो तरह की होती है. इसमें एक टाइप 1 और दूसरी को टाइप टू कहा जाता है. डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति में इंसुलिन का प्रॉडक्शन धीरे धीरे कम होने लगता है. इसकी वजह से बॉडी ब्लड में शामिल शुगर को सही ढंग से पचा नहीं पाती. ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ते ही यह शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है. यह आर्टरी डिजीज से लेकर दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है. बीपी से लेकर अंधे तक हो सकते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए डॉक्टर नियमित दिनचर्या के साथ ही सही खानपान की सलाह देते हैं. इसके साथ ही कई ऐसी चीजें मौजूद हैं, जिन्हें खाने से ये शरीर में नेचुरल इंसुलिन का काम करते हुए ब्लड शुगर को बढ़ने से रोक देती है. इन चीजों में मीठी इमली शामिल है. इसे जगली जलेबी भी कहा जाता है. 

डायबिटीज को कंट्रोल में रखती है मीठी इमली

डायबिटीज को नेचुरल रूप से कंट्रोल करने वाली ये चीज मीठी इमली है. इसे जंगली जलेबी, गंगा जलेबी, गुआमुचिल और मद्रास थ्रोन के नाम से भी जाना जाता है. एनसीबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, मीठी इमली में कई सारे पोषक तत्व पाएं जाते हैं. इनमें मुख्य रूप से विटामिन ए, विटामिन बी1, बी2, बी3, विटामिन सी, विटामिन के, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, फास्फोरस, सोडियम और फाइबर शामिल हैं. यह एंटीडायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट,कार्डियो प्रोटेक्टिव, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीडायरियल, एंटीअल्सरोजेनिक और लार्विसाइडल जैसे औषधीय गुणों भरपूर है. 

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ऐसे करें इसका सेवन

मीठी इमली या जगली जलेबी आसानी से मिल जाती है. इसे छिलकर खाया जा सकता है. इसे सूखाकर मुरब्बा बनाकर भी खा सकते हैं. मुरब्बा बनाने से लेकर खाने के दौरान इसके बीज को बाहर निकाल दें. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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