हम में से ज़्यादातर लोग तेज धूप से अपनी आंखों को बचाने के लिए सनग्लासेस (Sunglasses) लगाते हैं, इसके कई लोग सिर्फ इसे स्टाइल स्टेटमेंट के लिए उपयोग करते हैं. यही वजह है कि हमेशा नए टिंट, शेड्स और आकार के सनग्लासेस ट्रेंड में आते रहते हैं. लेकिन, आपको बता दें कि जरूरत न होने के बावजूद भी अगर आप सनग्लासेस (Sunglasses Side Effects) लगाते हैं तो आपको इसकी वजह से गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इससे आप हार्मोनल डिसबैलेंस, इनसोमिया और डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं.
क्या हैं इसके नुकसान
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बेवजह या लंबे वक्त तक सनग्लासेस लगाने से पीनियल ग्रंथि पर इसका बुरा असर पड़ता है और इससे मस्तिष्क को यह सिग्नल जाता है कि बाहर बादल छाए हुए हैं. दरअसल दिन में सूर्य से एक निश्चित वेवलेंथ आंखों तक पहुंचती है जो पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथि को प्रभावित करती है और मस्तिष्क को यह सोचने देती है कि बाहर धूप है.
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इस स्थिति में स्किन सनलाइट के डायरेक्ट एक्सपोजर और विटामिन डी बनाने के लिए तैयार हो जाती है. इतना ही नहीं सनग्लासेस सरकेडियन रिदम को बिगाड़ सकती है, जो स्ट्रेस, इनसोमिया और यहां तक की डिप्रेशन का कारण बन सकती है. ऐसे में इससे सावधानी बरतना बेहद जरूरी है.
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हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जब आंखें स्वाभाविक तरीके से सनलाइट एब्जॉर्ब नहीं कर पाती हैं तो इससे हार्मोन साइकिल बदल जाता है और बॉडी सिस्टम के साथ मूड भी बदलने लगता है. इतना ही नहीं इससे आपकी आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है. ऐसे में जरूरत के अनुसार सनग्लासेस लगाना आंखों के लिए फायदेमंद है लेकिन, हर वक्त बेवजह इसका पूरे दिन इस्तेमाल करना आपके लिए ठीक नहीं है.
Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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