Diabetes Remedy: सर्दियों में इस आटे की रोटी खाने से डायबिटीज में ब्लड शुगर कभी नहीं होगा हाई, भूख और वेट दोनों होंगे कम

ऋतु सिंह | Updated:Oct 21, 2023, 02:16 PM IST

Ragi Flour Benefits

अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए सर्दियों में एक खास आटे की रोटी खाना शुरू कर दें. ये वेट के साथ शुगर को भी कम करेगा.

डीएनए हिंदीः डायबिटीज में शुगर को कंट्रोल करना आसान नहीं होता. खानपान में कई चीजों को छोड़ना होता है और कुछ चीजों के नए विकल्प तलाशने होते हैं. ठीक उसी तरह जैसे गेहूं-चावल को छोड़ कर कुछ मोटे आनाज खाना.सर्दियां आ रही हैं और इस समय के लिए एक खास आटे से बनी रोटी खाना आपके लिए बेस्ट होगा. 

ये आटा है रागी. इसे मंडुआ भी कहा जाता है. रागी में फाइबर और खनिज पदार्थ अधिक मात्रा में होते हैं. यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के अलावा वजन घटाने में भी मदद करता है. साथ ही इसमें मौजूद फाइबर आंतों के लिए अच्छा होता है. आइए जानें कि डायबिटीज में रागी के क्या फायदे हैं और इस भोजन को दैनिक आहार में कैसे शामिल किया जा सकता है. 

लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स 
रागी में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) बहुत कम होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ने से रोकता है और रक्त शर्करा के स्तर में बहुत धीमी वृद्धि का कारण बनता है. इसलिए रागी डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद भोजन है. 

फाइबर से भरपूर 
रागी में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है. यह ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा कर देता है और रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोकता है. पोषक तत्वों से भरपूर रागी विभिन्न विटामिन, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है. ये सभी पोषक तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं और डायबिटीज संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं. 

पेट भरा रखता है 
रागी में मौजूद फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखता है. जिससे बार-बार भूख लगने की प्रवृत्ति काफी नियंत्रण में रहती है. नतीजतन, वजन नियंत्रण में रागी का कोई मुकाबला नहीं है. 

वजन नियंत्रण में रहेगा 
तो ब्लड शुगर लेवल भी ठीक रहेगा. ग्लूटन मुक्त भोजन रागी पूरी तरह से ग्लूटेन-मुक्त भोजन है. इसीलिए रागी डायबिटीज वाले उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद अनाज है जिन्हें सीलिएक रोग या ग्लूटेन असहिष्णुता है. 

रागी को दैनिक आहार में शामिल करने के टिप्स 
रागी के हजारों फायदों के कारण डॉक्टर इसे दैनिक आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं. हालाँकि, इस अनाज को अधिक मात्रा में खाने से शरीर में पोटेशियम का स्तर बढ़ सकता है. मतली और सीने में दर्द जैसी समस्या हो सकती है. इसके अलावा रागी बहुत धीरे-धीरे पचता है. परिणामस्वरूप, रागी के अधिक सेवन से कब्ज की गंभीर समस्या हो सकती है. तो आप इस अनाज को दिन के किसी भी समय यानी सुबह या दोपहर या रात में मेनू में रख सकते हैं. 

ये है रेसिपी 
नाश्ते में रागी खिचड़ी, रागी इडली या डोसा या रागी पैनकेक खा सकते हैं.  आप लंच या डिनर में रागी रोटी, रागी उपमा, रागी सलाद ले सकते हैं.
आप डिनर या सपर में रागी सूप, रागी पास्ता और रागी खिचड़ी खा सकते हैं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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