Sweating Side Effects: अचानक से अधिक पसीना आना हो सकता है जानलेवा, हार्ट अटैक का भी है संकेत

Written By ऋतु सिंह | Updated: Jun 30, 2022, 07:43 AM IST

ज्यादा पसीना आना हार्ट अटैक का संकेत तो नहीं?

Sweating Too Much: एक्ससेस स्वेटिंग यानि बहुत ज्या दा पसीना आना सेहत के लिए अच्‍छा नहीं होता है, अगर अचानक से आप पसीने-पसीने होने लगें तो इसे बिलकुल नजरअंदाज न करें. ये हार्ट अटैक की वजह भी बन सकता है.

डीएनए हिंदी: उमस या गर्मी (heat and humidity) में पसीना अधिक आना आम बात होती है, लेकिन अचानक से आपको बहुत पसीना (Sweating) आने लगे तो इसे हल्के में लेने की भूल न करें. बॉलीवुड सिंगर केके के हार्ट अटैक के पीछे एक रीजन बहुत अधिक पसीना आना और डिहाइड्रेशन (dehydration) को भी माना गया था. बता दें कि ह्यूमिडिटी, हीटस्ट्रोक (Heat Stroke) और हिहाड्रेशन का कारण होती है और डिहाइड्रेशन से जुड़ी होती है। उच्च आर्द्रता भी दिल के दौरे (Heart Attack) की वजह बन सकती है.

स्ट्रोक और अटैक का डिहाइड्रेशन का संबंध
गर्मियों के दिनों में पसीना आना भले ही आपको सामान्य लगे लेकिन अगर ये हद से ज्यादा या असामान्य रूप से आ रहा है तो इसे नजरअंदाज न करें. ये दिल के दौरे का संकेत हो सकता है. कई बार सीने में दर्द के साथ पसीना आना और मांसपेशियों में अकड़न का महसूस होना भी हार्ट अटैक का संकेत होता है.

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नसों में वसा की ब्लॉकेज के कारण आता है पसीना 
अगर आपको बिना बात ही पसीना अधिक आ रहा, या किसी फिजिकल एक्टिविटी के बाद बहुत ही ज्या दा पसीना आ रहा है तो ये नसों की ब्लॉरकेज को बताता है. नसों में जब कोलेस्ट्रॉयल के कारण वसा जम जाती है तब ब्लजड सर्कुलेशन प्रभावित होने लगता है, इसे कोरोनरी धमनियां कहते हैं. कोलेस्ट्रॉल के कारण नसों में जगह कम हो जाती है और इससे हार्ट तक आसानी से ब्लीड नहीं पहुंच पाता है. ऐसे में हार्ट को बहुत ब्ल्ड पंप करने में बहुत मेहनत लगती है. दिल पर पड़ने वाले इस दबाव और शरीर के तापमान को कम रखने की कोशिश में अधिक पसीना निकलने लगता है, जो हार्ट अटैक के लक्षणों में से एक है.

इन लक्षणों पर भी रखें नजर
हाथ, कंधे, जबड़े, दांत या सिर में दर्द की शिकायत हो रही या बहुत ज्यादा मुंह सूख रहा तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए.ये लक्षण अटैक आने के पूर्व के होते हैं.

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प्रदूषण भी आ सकता है दिल का दौरा
प्रदूषण भी दिल के अटैक का कारण हो सकता है. वायु प्रदूषण में कई ऐसी जहरीली हवाएं और कण होते हैं जो व्यक्ति के फेफड़ों में जाकर अटैक करते हैं. इससे श्वास संबंधित समस्याएं होती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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