डीएनए हिंदीः यूरिक एसिड (Uric Acid) का बढ़ने का मतलब है ब्लड में गंदगी (Dirt in Blood) का बढ़ना और इस गंदगी को जोड़ों के बीच जा कर जमा होना (Accumulation of Dirt between Joints). किडनी के सही तरीके से फिल्टर न कर पाने (Poor Kidney Filtration) के कारण ही शरीर में यूरिक एसिड की समस्या बढ़ती है लेकिन आप चिंता न करें. यहां आपको एक ऐसे हर्ब के बारे में बता रहे हैं जो यूरिक एसिड को जड़ से खत्म करने की ताकत रखता है.
अगर आपके ब्लड में यूरिक एसिड की मात्रा कंट्रोल नहीं हो रही तो रोज सुबह बासी मुंह गाउटवीड की पत्तियों का रस लेना शुरू कर दें. इस पत्ते के अर्क में ब्लड से यूरिक एसिड को छानकर अलग करने का अद्भुत गुण होता है. तो चलिए जानें इस पौधे के पत्ते के मेडिसिनल गुणों के बारें में.
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गाउटवीड क्या है
गाउटवीड एक ऐसा सदाबहार पौधा है जो हर मौसम में मिलता है और आसानी से कहीं भी उग सकता है. ये गाजर परिवार के पौधों से संबंधित होता है. इसका फैमिली नाम अंबैलिफर्स है और साइंटिफिक नाम एजोपोडियम पोडाग्ररिया है. इसे ग्राउंड एल्डर के नाम से भी जाना जाता है.
गाउटवीड के औषधिय गुण
गाउटवीड में विटामिन ए और विटामिन सी सबसे ज्यादा होता है और साथ ही इसमें आवश्यक तेल जैसे फ्लेवोनोइड्स और फिनोलकारबॉक्सिलिक एसिड होते हैं और ये कॉपर रिच भी होता है. सौ ग्राम ताजे गाउटवीड में करीब 2 मिलीग्राम तांबा और 140 मिलीग्राम विटामिन सी होता है और यही कारण है कि ये जोड़ों की समस्या और यूरिक एसिड में रामबाण दवा का काम करता है.
आयुर्वेद में गठिया के इलाज की होती है तगड़ी दवा
गाउटवीड का इस्तेमाल रूमेटाइड रोग के इलाज के लिए किया जाता है. वहीं ऑटोइम्यून डिजीज से जुड़े हर तरह के रोग में इसकी पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है. सॉफ्ट टिशू प्रभावित होने वाले रोग जैसे अर्थराइटिस और गाउट के लिए ये कारगर होता है. वहीं इसे बवासीर और किडनी, ब्लैडर व पेट संबंधी विकारों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है.
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कैसे करें इसका उपयोग
गाउटवीड को प्राचीन कल में सब्जियों की तरह खाया जाता था. फूल के खिलने से पहले जब इस पौधे की कली विकसित होती है तो उसे तोड़कर उसका सूप बनाकर पिया जा सकता है, वहीं आप चाहे तो इसकी पत्तियों को सलाद के रूप में या कच्चा इसका रस यानी अर्क भी पी सकते हैं. इसका साग बना कर खा सकते हैं. पैनकेक, ऑमलेट आदि में इसे मिक्स कर सकते हैं. वहीं, इसकी जड़ और पत्तियों को साथ में उबालकर हिप या जोड़ों की सीकाईं करें इससे सायाटिका या घुटने का दर्द भी दूर होगा.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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