डीएनए हिंदी: मानसून का मौसम और दिल्ली एनसीआर में बाढ़ जैसी स्थितियों के बीच आई फ्लू का संक्रमण रफ्तार से बढ़ रहा है. 10 में से 3 लोग इस बीमारी से संक्रमित हो रहे हैं. अस्पतालों में आई फ्लू के मरीजों की लाइन लगी हुई है. आई फ्लू को ही पिंक आई और कंजंक्टिवाइटिस कहा जाता है. आंखों में होने वाला ये संक्रमण बारिश में पैदा होने वाले बैक्टीरिया और वायरल की वजह से हो सकता है. इस मौसम में गंदगी और उमस की वजह बैक्टीरिया आंखों तक पहुंचकर उन्हें प्रभावित करता है. यह संक्रमण तेजी से फैल जाता है. इसमें आंखे लाल होने के साथ ही पानी आने लगता है. दर्द और सूजन की समस्या हो जाती है. यह एक से दूसरे में फैल सकती है. इसके लिए ज्यादातर आई फ्लू से संक्रमित लोग काला चश्मा पहनकर निकलते हैं. वहीं लोग संक्रमित लोगों की आंखों को देखने से बचते हैं. इसकी वजह माना जाता है कि यह इंफेक्शन संक्रमित लोगों की आंखों में देखने से ही फैल जाता है. अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो आप गलत सोच रहे हैं. आइए जानत हैं आई फ्लू के फैलने की वजह और इसके पीछे की सच्चाई...
संक्रमित की आंखों में देखने से हो जाता है आई फ्लू
नोएडा के सेक्टर 26 स्थित आई केयर अस्पताल के सीईओ डॉक्टर सौरभ चौधरी आई स्पेशलिस्ट हैं. इन दिनों आई केयर में आई फ्लू के मरीजों की भीड़ देखने को मिल रही है. अस्पताल में आई फ्लू से संक्रमित लोग काला चश्मा पहनकर घूम रहे हैं, जो नहीं पहने हुए हैं. उन्हें साइड में बैठा दूसरा शख्स काला चश्मा पहनकर इंफेक्शन से बचने की सलाह दे रहा है. इन सब के बीच डॉक्टर सौरभ चौधरी ने बताया काला चश्मा पहनकर इंफेक्शन से बचने की बात महज एक गलत जानकारी है. इसकी वजह आई फ्लू यानी कंजंक्टिवाइटिस से संक्रमित लोगों की आंखों में देखने से ही नहीं फैलता है. लोग काला चश्मा अपनी लाल आंखों को छिपाने से बचने के लिए पहन सकते हैं. इसे फैलने से रोकने के लिए इन बातों को ध्यान में रखना होगा.
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ऐसे फैलता है आई फ्लू का संक्रमण
डॉक्टर चौधरी बताते हैं कि आई फ्लू का संक्रमण चश्मा लगाने से रोका नहीं जा सकता है. संक्रमित व्यक्ति ने चश्मा लगाया है या नहीं इसे कोई फर्क भी नहीं पड़ता है. यह लोगों के बीच काफी समय से चल रही एक गलतफहमी है. यह समझने की जरूरत है कि संक्रमण किसी संक्रमित को देखने से ही नहीं बल्कि उसके संपर्क में आने और छूने से फैलता है. जैसे आई फ्लू संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाकर बिना साफ किए आंखों को टच करने से, घर में संक्रमित व्यक्ति के साथ तौलिया या रुमाल साझा करने से, हाथों को बिना धोएं आंखों को छूने से, साफ सफाई का ध्यान न रखने की वजह से यह संक्रमण एक से दूसरे शख्स में आसानी से फैल जाता है. यह 4 से 5 दिन में ठीक हो जाता है. ऐसा न होने पर तुरंत डॉक्टर का परामर्श लेना जरूरी है.
खुद से ही न ले आई ड्रॉप
अगर आपकी आंखे लाल हो रही हैं. इनमें खुजली, जलन, दर्द, सूजन या पानी आ रहा है तो आप आई फ्लू से संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन ऐसी स्थिति में भूलकर भी खुद डॉक्टर न बनें. साथ ही किीस जानकार की सलाह मानने की जगह सीधे आंखों के डॉक्टर से परामर्श लें. 2 से 3 दिन तक आंखों को गुलाब जल से साफ करके देखें. आराम मिलता है तो डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है, लेकिन 4 से 5 दिन बाद भी आई फ्लू ठीक न होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं
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इन बातों को ध्यान में रख रोक सकते हैं संक्रमण
-बार बार हाथों से आंखों को टच न करें
-हाथों की अच्छे से सफाई करें
-अपनी आंखों को दिन में दो से तीन बार ठंडे और साफ पानी धोएं
-आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के साथ तौलिया, कपड़े या रुमाल शेयर न करें.
-आई फ्लू के दौरान टीवी या मोबाइल से दूरी बनाकर रखें.
-बिना किसी डॉक्टर को दिखाएं आई ड्रॉप न लें
-आंखों में ज्यादा दर्द, सूजन बढ़ने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं
-बारिश में भीगने के बाद आंखों को साफ पानी से धोएं
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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