डीएनए हिंदीः गलत खान-पान और जीवनशैली के कारण कई बीमारियां होती हैं. इन्हीं बीमारियों में से एक है डायबिटीज. डायबिटीज रोगियों को ही नहीं, उन लोगों को भी नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करते रहना चाहिए जिनका ब्लड शुगर रेंज ज्यादा हो या घर में डायबिटीज का इतिहास रहा हो. आज आपको फॉस्टिंग शुगर का टेस्ट करते हुए होने वाली उन चूक के बारे में बताएंगे जो आपके डायबिटीज को बिगाड़ सकती हैं.
ब्लड शुगर टेस्ट दो प्रकार के होते हैं, एक है फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट और दूसरा है पोस्टप्रैंडियल ब्लड शुगर टेस्ट. फास्टिंग ब्लड शुगर की जांच सुबह खाली पेट की जाती है. ब्लड शुगर परीक्षण का मुख्य उद्देश्य प्री-डायबिटीज, टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज में ब्लड शुगर के स्तर का पता लगाना है. कभी-कभी फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल (फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट) अधिक होता है. यदि सुबह खाली पेट रक्त परीक्षण से इसकी स्थिति का पता चल जाए तो ब्लड शुगर को दवा और भोजन से नियंत्रित किया जा सकता है.
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फास्टिंग शुगर चेक करने का सही तरीका
1-अक्सर लोग 12-14 घंटे का उपवास करने और फिर सुबह अपने ब्लड शुगर का परीक्षण करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं. ऐसे में उन्हें लगता है कि उनकी शुगर टेस्ट रिपोर्ट सटीक होगी. लेकिन फास्टिंग शुगर टेस्ट तभी सटीक रिपोर्ट देगा जब आप रात की डाइट पर ध्यान देंगे और सुबह चीजों का ध्यान रखेंगे.
2-अगर आप फास्टिंग शुगर चेक कर रहे हैं तो आपको सुबह पानी भी नहीं पीना चाहिए. फास्ट शुगर का मतलब है कुछ भी न खाने के 8-10 घंटे बाद रक्त की स्थिति के बारे में डेटा लेना. फास्टिंग ब्लड शुगर की जांच करते समय याद रखें कि सुबह उठने के एक से डेढ़ घंटे के भीतर ही जांच कर लें. यदि आप दोपहर 12 बजे फास्टिंग शुगर टेस्ट करते हैं, तो आपको कभी भी सटीक परिणाम नहीं मिलेगा. इसलिए सुबह उठने के कुछ घंटों के भीतर यह टेस्ट करना बहुत जरूरी है.
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3-अगर आप फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट करा रहे हैं तो रात में दूध न पिएं. दूध में पेप्टिन नामक पदार्थ होता है, जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है.
4- यदि आप फॉस्टिंग शुगर का परीक्षण कर रहे हैं, तो पैदल चलने से बचें. डायबिटीज रोगियों के लिए पैदल चलना और व्यायाम करना बहुत फायदेमंद होता है. यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद करता है और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है. इनका पालन करने से फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट रिपोर्ट सही आएगी और उचित इलाज संभव है.
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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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