डीएनए हिंदीः लीवर में फैट होना सामान्य है बात है लेकिन इसकी मात्रा ज्यादा नहीं होनी चाहिए. जब आपके लिवर के वजन का 5 से 10ः से अधिक फैट होता है तो ये खतरनाक बनता है. इससे लिवर में सूजन और डैमेज होने का जोखिम बढ़ता है.
फैटी लीवर डिजीज के क्या कारण है
फैटी लीवर दो प्रकार का होता है. एक एल्कोहलिक फैटी लीवर और दूसरा नॉन.अल्कोहलिक फैटी लीवर. एल्कोहलिक बहुत अधिक शराब पीने के कारण होता है जबकि दूसरे के पीछे कई अन्य कारण होते हैं. कई बार मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, फैट और कार्ब्स वाली चीजों का अधिक खाने, डायबिटीज और फिजिकल एक्टिविटी न होने के कारण भी लिवर पर फैट जमने लगती है.
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यहां आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे अगर आप अपनी डाइट में शामिल करें तो आपके लिवर ही नही, ब्लड और शरीर में जमा चर्बी भी पिघल सकती है. ये चीजें शरीर और लिवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर भी करेंगे.
नींबू
नींबू विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरा होता है. विटामिन सी जो लिवर को ग्लूटाथियोन बनाने में मदद करते हैं. यह एंजाइम लिवर में विषाक्त पदार्थों को बेअसर करता है. रोज नींबू का प्रयोग से कुछ हफ्तों तक दिन में दो या तीन बार पीना है. यह लीवर में जमा चर्बी को कम करने में मदद करेगा, जिससे फैटी लिवर की बीमारी का प्राकृतिक रूप से इलाज होगा.
पपीता
फैटी लिवर रोग के मुख्य कारणों में से एक फैट वाली चीजों का सेवन है. आयुर्वेद के अनुसार, पपीता और उसके बीज दोनों फैट बर्न करने में प्रभावी होते हैं, जिससे फैटी लीवर डिजीज को नैचुरली रोका जा सकता है. इसके लिए आप रोजाना एक पपीते का एक टुकड़ा शहद के साथ खा सकते हैं. आप इसके बीजों को पीस भी सकते हैं, इसे पानी में मिलाकर रोजाना पी सकते हैं.
आंवला
फैटी लिवर के लिए आंवला एक और प्रभावी घरेलू उपाय है. यह फल विटामिन सी से भरपूर होता है और यह आवश्यक विटामिन लीवर के समुचित कार्य को सुनिश्चित करता है. यह लीवर से विषाक्त पदार्थों को निकालकर काम करता है. आप इसे कच्चा खा सकते हैं या पकाते समय इसे अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं.
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सेब का सिरका
फैटी लिवर के लिए सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक सेब का सिरका है. यह लीवर में जमा होने वाली चर्बी को कम करके और वजन घटाने में मदद करता है. यह सूजन को कम करके लीवर के स्वस्थ कामकाज को भी बढ़ावा देता है. आपको बस गर्म पानी में एक बड़ा चम्मच सेब का सिरका मिलाना है और इसे अपने भोजन से पहले दिन में दो बार पीना है. स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें शहद भी मिला सकते हैं. फर्क देखने के लिए इसे दो महीने तक दोहराएं.
हल्दी
हल्दी में एंटीऑक्सिडेंट हैं, जो नैचुरली फैटी लीवर रोग का इलाज कर सकते हैं. हल्दी आपके शरीर की वसा को पचाने की क्षमता में सुधार करती है और लीवर में इसे जमा होने से रोकती है. आप दो गिलास पानी में एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर एक हल्दी पेय तैयार कर सकते हैं. फैटी लीवर की बीमारी से बचने के लिए इसे रोजाना पिएं. आप एक गिलास दूध में हल्दी भी मिला सकते हैं और उसी प्रभाव के लिए इसे रोजाना पी सकते हैं.
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ग्रीन टी
ग्रीन टी हाई डेंसिटी कैटेचिन पाए जाते हैं, जो लीवर के कामकाज में सुधार करते हैं और नॉन-अल्कोहिलोक लिवर डिजीज से पीड़ित लोगों में फैट जमा होने से रोकते हैं. यह लीवर में जमा फैट की मात्रा को रोकता है और इसके कामकाज में भी सुधार करता है. फैटी लीवर की बीमारी को दूर रखने के लिए नियमित रूप से 3 से 4 कप ग्रीन टी पिएं.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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