Fatty Liver Diseases: फैटी लिवर बढ़ा देता है दिल की बीमारियों का खतरा, ये 3 उपाय कम कर देंगे लिवर की सूजन

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Feb 26, 2023, 05:45 PM IST

बदलते लाइफस्टाइल और हमारे खराब खानपान की वजह से लिवर में सबसे आम और बड़ी समस्या लिवर का फैटी होना है.

डीएनए हिंदी: लिवर हमारे शरीर के मुख्य अंगों में से एक है. इसमें दिक्कत होते ही पाचन तंत्र में बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है, लेकिन आज के समय में बदलते लाइफस्टाइल और हमारे खराब खानपान की वजह से लिवर में सबसे आम और बड़ी समस्या लिवर का फैटी होना है. फैट डिपॉजिट्स की वजह से लिवर पर सूजन बढ़ने लगती है. इसे पेट बढ़ने लगता है और दर्द बन जाता है. साथ ही हर सयम थकान, कमजोरी महसूस होती है. इसकी समस्या बढ़ने पर डायबिटीज से लेकर दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. यह हार्ट अटैक ओर स्ट्रोक का रिस्क भी बढ़ा देती है. आइए जानते हैं कैसे फैटी लिवर (Fatty Liver Disease) में पाएं आराम...

यूके की रिसर्च के अनुसार, नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजिज (Fatty Liver Disease) में वर्कआउट करने के साथ व्रत रखने से फायदा हो सकता है. रिसर्च में 80 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया. इसमें लोगों न्यूट्रिशन और पांच दिन तक रेगुलर एक्सरसाइज कराई गई. साथ ही फास्टिंग कराया गया. इनमें फैटी लिवर डिजिज के लक्षणों में तेजी से कमी आते देखी गई. एक्सपर्ट्स की मानें तो एक दिन के गैप के बाद व्रत करने और एयरोबिक्स जैसी एक्सरसाइज करने से फैटी लिवर डिजिज से आराम मिल सकता है.

वजन को करें कम

फैटी लिवर डिजिज को कम करने के कई सारे उपाय है. सही डाइट और लाइफस्टाइल फॉलो करने के लिए मैनेज करने से फैटी लिवर डिजिज कम हो सकती है. इस बीमारी के बढ़ने की वजह से मोटापा, सही समय पर नींद न लेना, ट्राईग्लिसराइड्स, डायबिटीज और थायरॉइड का रिस्क बढ़ जाता है.

डाइट में शामिल करें मेडिटेरियन फूड

एक स्टडी के अनुसार, फैटी लिवर की बीमारी में पेशेंट को हरी सब्ज्यिों के साथ ही ज्यादा मात्रा में फलों का सेवन करना चाहिए. इसे फैटी लिवर कम होने के साथ ही इसका ​रिस्क लगभग आधा हो जाता है. इसके साथ ही ग्रीन मेडिटेरियन डाइट, ग्रीन टी, प्लांट बेस्ड फूड्स (Plant based foods) का सेवन करें. इसे लिवर पर जमा फैट तेजी से कम हो जाता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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