डीएनए हिंदी: देश में कोरोना ने जमकर कहर बरपाया. करोड़ों लोग इसकी चपेट में आये, जिसमें लाखों लोगों की जान चली गई. वहीं बहुत से लोग आज भी इसकी चपेट में हैं. कोविड अभी भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. एक्सपर्ट्स का दावा है कि इसके कुछ कण अभी भी हवा में बाकी है. इनसे बचने के लिए सावधानी बरतना जारी है. वहीं मौसम में फेरबदल के साथ अब ठंड के कई वायरस हवा में तैर रहे हैं. इसकी वजह से लोग खांसी जुकाम के शिकार हो रहे हैं.
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खांसी जुकाम का बढ़ने लगा प्रकोप
कोरोना के मामलों की शुरुआत भी खांसी जुकाम से हुई थी. एक बार फिर बदलते मौसम के साथ इनका प्रकोप बढ़ने लगा है. खांसी जुकाम के साथ ही साइनस, पोस्ट नेसल ड्रिप वापस आ रही है. कोल्ड वायरस महामारी से पहले, जितने खतरनाक थे. अब उतने खतरनाक तो नहीं है, लेकिन कोल्ड वायरस लोगों को खासा परेशान कर रहा है. लोगों में खांसी जुकाम की समस्या बढ़ रही है. यह लंबे समय तक टीकी हुई है. 10 दिनों तक यह लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है. कोल्ड वायरस के लक्षणों में मुख्य रूप से खांसी, नाक बहना, सीने में कफ दर्द और सीने में परेशानी से लेकर बुखार दिख रहा है.
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कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से अटैक नहीं कर सके दूसरे वायरस
कोरोना वायरस के दौरान जारी प्रोटोकॉल और वैक्सीन की वजह से कई मौसमी वायरस का असर लोगों पर नहीं हुआ. इसकी मुख्य वजह कोविड प्रोटोकॉल जैसे मास्क लगाना, सेनिटाइजर लगाना, हाथ पैरों को अच्छे से साफ रखना और दूरी रखने से धूल में मिलने वाले वायरस लोगों तक नहीं पहुंच पाएं. ऐसे में लोगों का इन वायरस से बचाव आसान हो गया, लेकिन कोविड के जाते ही मौसमी वायरसों का प्रभाव शुरू हो गया है. यह हवा के साथ मिलकर सांस के रास्ते शरीर में घर कर रही है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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