Miscarriage Reason : बार-बार हो रहा है मिसकैरेज? प्रेग्नेंसी में ये 7 कारण होते हैं जिम्मेदार

Written By ऋतु सिंह | Updated: Nov 07, 2022, 12:37 PM IST

बार-बार मिसकैरेज हो रहा है?

Pregnancy Loss: प्रेग्नेंसी में पहले तीन और आखिरी तीन महीने बेहद खतरनाक होते हैं क्योंकि इस दाैरान गर्भपात की संभावना सबसे ज्यादा होती है.

डीएनए हिंदी: प्रेग्नेंसी (Pregnancy) में कई महिलाएं कंसीव (Conceive) तो आसानी से कर लेती हैं लेकिन कुछ कमियों और परेशानियों के कारण बार-बार मिसकैरेज (Miscarriage ) हो जाता है. कई बार गलत खानपान (Wrong Foodin Habit) के कारण भी ऐसा होता है, लेकिन यहां आपको 7 ऐसे कारणों के बारे मं बताएंगे जो प्रेग्नेंसी में मिसकैरेज (Miscarriage in Pregnancy) का सबसे बड़ा कारण बनते हैं. 

प्रेग्नेंसी में मां की हेल्थ बेहतर होनी जरूरी होती है, कई बार कमजोरी और शरीर में मिनरल्स और विटामिन की कमी के कारण भी मिसकैरेज का खतरा होता है. यहां आपको कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में बताएंगे जो मिसकैरेज का कारण हो सकते हैं. 

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खून की कमी
मिसकैरेज का सबसे बड़ा कारण खून की कमी यानी हीमोग्लोबिन कम होना होता है कई बार प्रेग्नेंसी के अंतिम महीनों में मिसकैरेज हो जाता है. वहीं कई बार बच्चों में में जन्मजात रोग  वजह भी बनता है. जैसे होंठ या तालू के कटे होना आदि. इसलिए प्रेग्नेंसी में न केवल आयरन बल्कि फोलिक एसिड को भी कम नहीं होने देना चाहिए. ये मिसकैरेज या शिशु में जन्मजात बीमारियों का कारण बनते हैं.

फाइब्रॉएड की समस्या 
गर्भाशय फाइब्रॉएड एक तरह की गांठ होती हैं. अगर महिला की बच्चेदानी यानी यूट्रेस में ऐसी गांठ हो तो उसे मिसकैरेज का सामना करना  पड़ता है. कई बार गर्भाशय में संक्रमण से बार-बार गर्भपात भी हो सकता है. 

आयोडीन की कमी
अगर महिला के शरीर में आयोडीन की कमी हो तो गर्भधारण करने से लेकर मिसकैरेज और अपंग शिशु के जन्म का खतरा रहता है. आयोडीन की कमी अगर महिला में हो तो वह संभवतः शिशु को जन्म तो दे दे लेकिन बच्चे का मानसिक विकास इससे प्रभावित हो जाता है.

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हार्मोनल परिवर्तन 
हार्मोनल परिवर्तन भी बार-बार गर्भपात का कारण होता है. थायरॉइड, डायबिटीज, मोटापा या अन्य बीमारियां में ये हार्मोनल डिसबैलेंस का खतरा ज्यादा होता है. इस लिए इन बीमारियों को काबू में रखना जरूरी हो जाता है. 

यौन संचारित रोग
यौन संचारित रोगों से बार-बार गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है. यदि कोई महिला यौन संचारित रोग से पीड़ित है, तो उसे दो दोष हो सकते हैं, क्लैमाइडिया और पॉलीसिस्टिक. इसलिए दूसरी प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें और जरूरी टेस्ट करवाएं.

उम्र का ज्यादा होना
फैमेली प्लानिंग करते हुए कई बार महिलाओं की उम्र ज्यादा हो जाती है, ऐसे में गर्भधारण वो तो कर लेती हैं लेकिन कुछ शारीरिक कमियों के कारण गर्भ ठहर नहीं पाता. ऐसे में जरूरी है कि 30 की उम्र तक मां बनने की प्लानिंग जरूर कर लें. कई बार उम्र बढ़ने से गर्भाश्य की मांसपेशियों की लचक या ताकत कम हो जाती है. इससे गर्भ ठहर नहीं पाता है. 

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मोटापा भी हो सकता है कारण
अधिक वजन होने से गर्भपात भी हो सकता है. जिन महिलाओं को मधुमेह या थायराइड की समस्या है, उनमें गर्भपात होने की संभावना अधिक होती है. अगर आपको थायराइड है और आप गर्भवती हैं, तो समय पर दवा लें. ब्लड शुगर लेवल चेक करते रहें और हेल्दी डाइट पर ध्यान दें. क्योंकि मोटापा भी एक बड़ा कारण हो सकता है. इस अवधि के दौरान गर्भपात का खतरा अधिक होता है. इसलिए आपको इस दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए. ऐसी स्थिति में भारी सामान न उठाएं. इसके अलावा अधिक काम न करें. और हिलना भी बंद न करें
 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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