Frequent Urination: बार-बार पेशाब आना इस बीमारी का है संकेत, जानें कारण, लक्षण और ट्रीटमेंट

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Feb 10, 2023, 03:12 PM IST

प्रतीकात्मक तस्वीर

Frequent Urination: टॉयलेट न रोक पाने की समस्या को मेडिकल भाषा में स्ट्रेस यूरिनरी इनटोलरेंस कहते हैं. इस बीमारी में थोड़ा सा यूरिन लीक होता रहता हैं.

डीएनए हिंदी: कई लोगों को बार-बार पेशाब (Frequent Urination) की समस्या का सामना करना पड़ता है. आमतौर पर एक सामान्य व्यक्ति दिन में करीब 8-10 बार टॉयलेट जाता है अगर किसी को इससे ज्यादा टॉयलेट (Frequent Urination) जाना पड़े तो समझ ले कि उसे बार-बार पेशाब (Frequent Urination) जाने की समस्या है. वैसे तो ज्यादा पानी पीना और लिक्विड वाली चीजों का सेवन करना भी इसका कारण हो सकते हैं लेकिन यह बीमारी के कारण भी हो सकता है. आज हम आपको इसके लक्षणों के बारे में बताने वाले हैं जिनके जरिए आप आसानी से इस बीमारी (Frequent Urination) का पता लगा सकते हैं. 

टॉयलेट पर काबू न कर पाने की समस्या को मेडिकल भाषा में स्ट्रेस यूरिनरी इनटोलरेंस (Stress Urinary Intolerance) कहते हैं. अगर किसी को यह बीमारी हो जाए तो वह टॉयलेट पर कंट्रोल नहीं कर पाता है. बहुत तेज हसंने और खांसने की स्थिति में भी पेशाब निकल जाता है. ऐसे व्यक्ति का थोड़ा बहुत यूरिन लीक होता रहता है. यह लोगों की शर्मिंदगी का भी कारण बनता है. तो चलिए आपको इस बीमारी के कारण और लक्षणों के बारे में बताते हैं.

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स्ट्रेस यूरिनरी इनटोलरेंस के कारण (Stress Urinary Intolerance Causes)
स्ट्रेस यूरिनरी इनटोलरेंस बीमारी का सबसे बड़ा कारण पेल्विक फ्लोर होता है. पेल्विक फ्लोर की मसल्स मूत्राशय को सहारा और पेशाब को कंट्रोल करने में मदद करती है. इन मसल्स के कमजोर होने से ही यह बीमारी होती है. यह मसल्स प्रेगनेंसी और डिलीवरी के समय कमजोर हो जाती है. बढ़ती उम्र भी इस बीमारी का कारण बनती है.

स्ट्रेस यूरिनरी इनटोलरेंस के लक्षण (Stress Urinary Intolerance Symptoms)
- पेशाब रोकने में परेशानी होना
- बार-बार पेशाब करने की समस्या 
- यूरिन पास करने के दौरान दबाव डालना
- पेशाब की धार कम होना
- पेशाब करने के बाद भी कुछ बूंदें निकलने की समस्या होना

स्ट्रेस यूरिनरी इनटोलरेंस का इलाज (Stress Urinary Intolerance Treatment)
आप इस बीमारी से बचने के लिए कई उपाय कर सकते हैं. स्ट्रेस यूरिनरी इनटोलरेंस से ट्रीटमेंट के लिए पेल्विक मसल्स को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज करनी चाहिए. लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके भी आप आसानी से इस समस्या को दूर कर सकते हैं.

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कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercise)
कीगल एक्सरसाइज भी पेल्विक फ्लोर की मसल्स को मजबूत करती है. इस एक्सरसाइज के लिए पेल्विक फ्लोर की मसल्स पर पर दबाव देते हुए अंदर की तरफ दबोचें. एक्सरसाइज के समय सामान्य रूप से सांस लेते रहें और अपने पैर, पेट और तल की मसल्स पर दबाव न बनाएं. यह एक्सरसाइज करने से आपको लाभ होगा इसके बाद आप कुछ सेकंड के लिए पेशाब रोक सकेंगे.

मेडिकल इलाज (Medical Treatment)
पेल्विक मसल्स को मजबूत करने के लिए और स्ट्रेस यूरिनरी इनटोलरेंस की समस्या से निजात पाने के लिए आप दवाएं एंटीमस्करिनिक और बीटा-3 एगोनिस्ट ले सकते हैं. यह पेल्विक फ्लोर की मसल्स को ठीक करती है. कई बार गंभीर मामलों में इसके लिए सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है.

लेजर थेरेपी (Laser Therapy)
पेशाब लीक होने की समस्या अगर बहुत ज्यादा बढ़ जाती है तो इसे लेजर थेरेपी के जरिए ठीक किया जा सकता है. यह एक नॉन सर्जिकल ट्रीटमेंट है. इससे यह समस्या ठीक हो जाती है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.) 

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