डीएनए हिंदी: दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) की जाती है और इस दिन अन्नकूट का प्रसाद बनता है, जिससे भगवान श्री कृष्ण को इसका भोग लगाया जाता है. हालांकि, इस साल दिवाली के अगले दिन के बजाए तीसरे दिन यानी 14 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी. बता दें कि इस दिन अन्नकूट की सब्जी बनाने की परंपरा है और यह परंपरा कई पीढि़यों से चली आ रही (Annkoot Bhog) है. सेहत के लिहाज से ये सब्जि बहुत ही फायदेमंद माना जाता है. अन्नकूट की सब्जी प्रोटीन और (Annkoot Food Items) अन्य पोषण तत्वों से भरपूर होती है और इसके सेवन से कई गंभीर बीमारियां दूर रहती हैं, आइए जानते हैं क्या है अन्नकूट की सब्जी और इसके सेवन से कौन- कौन सी समस्याएं दूर रहती है.
क्या है अन्नकूट की सब्जी (What Is Annkoot Bhog)
दरअसल अन्नकूट सभी मौसमी साब्जियों का मिश्रण होता है और इसमें कई ऐसी सब्जियां शामिल होती हैं, जिनका शायद आपका नाम भी न मालूम हो. इस सब्जी को बनाने के लिए बहुत कम मसालों का उपयोग किया जाता है और यह सब्जी उबालकर बनाई जाती है. बता दें कि इसमें सभी सब्जियों का होना जरूरी है, लेकिन सिंघाड़ा, बैंगन और मेथी की पत्तियों के बिना ये अधूरा माना जाता है.
बढ़ा हुआ शुगर शरीर के इस अंग को कर देता है डैमेज, जानें लक्षण और बचाव के उपाय
फाइबर से भरपूर होती है ये सब्जी
अन्नकूट की सब्जी में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है और इसका सेवन आप अपने बॉवेल मूवमेंट को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं. बता दें कि पर्याप्त मात्रा में इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या नहीं होती.
कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों में है फायदेमंद
अन्नकूट में लौकी, तुरई, कद्दू, भिंडी, आलू, सेम, टिंडे, आदि सब्जियां शामिल होती हैं और ये सभी सब्जियां विटामिन, मिनरल और फाइटोकेमिकल्स बेहतरीन स्त्रोत हैं. रोजाना इनके सेवन से कैंसर, स्ट्रोक और डायबिटीज जैसी बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इसके अलावा अन्नकूट की सब्जी बिना सिंगाड़ा के नहीं बनाई जाती और इस सब्जी में अच्छी मात्रा में सिंघाड़ा होने से पेट की तकलीफ दूर होती है.
खून की कमी से डिहाइड्रेशन तक, प्रेगनेंसी में इन 5 बीमारियों से दूर रखेगा ये सस्ता फल
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.