Gular Benefits: बवासीर, डायरिया समेत इन बीमारियों से छुटकारा दिलाता है गूलर, जानें इस्तेमाल का तरीका

Written By Abhay Sharma | Updated: Jan 18, 2024, 09:52 PM IST

Gular Benefits

Gular Benefits: गूलर एक औषधीय पेड़ है, जो कई सारे गुण से भरपूर होते हैं. इसके सेवन से कई गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिलता है...

डीएनए हिंदी: आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियां का जिक्र मिलता है, जो कई गंभीर बीमारियों में रामबाण दवा का काम करते हैं, इन्हीं में से एक है गूलर. बता दें कि गूलर एक औषधीय (Gular Benefits) पेड़ है, जो कई सारे गुण से भरपूर होते हैं. बता दें कि इसके अंदर एंटी-पायरेटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीडायबिटिक आदि गुण होते हैं और गूलर डायबिटीज, लिवर डिसऑर्डर, बवासीर, डायरिया और फेफड़ों की बीमारी के (Gular Health Benefits) इलाज में मदद करता है. ऐसे में अगर आप इन समस्याओं से परेशान हैं तो इसका सेवन कर सकते हैं. आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बता रहे हैं गूलर के फायदे क्या हैं और इसके सेवन से किन बीमारियों से छुटकारा मिलता है. साथ ही जानेंगे इसके सेवन का सही तरीका...  

डायबिटीज में फायदेमंद 
 
बता दें कि गूलर ब्लड ग्लूकोज को घटाने में मदद करता है. इसके अलावा डायबिटीज के मरीज अपना वजन कंट्रोल करने में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. हालांकि, इसके पुख्ता सबूत के लिए विस्तार से शोध होना बाकी है. अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो इसका सेवन कर सकते हैं.

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लिवर डिसऑर्डर की समस्या होती है दूर

बता दें कि आयुर्वेद में गूलर को लिवर की बीमारी ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता रहा है. दरअसल इसकी पत्तियों के रस में लिवर डैमेज को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं. ऐसे में आप लिवर को हेल्दी रखने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

बवासीर का इलाज 

बता दें कि कब्ज के कारण गुदाद्वार की नसों में सूजन आ जाती है और इसे बवासीर कहते हैं. इस समस्या को गंभीर होने पर ब्लीडिंग भी हो सकती है. ऐसे में  गूलर के एंटीइंफ्लामेटरी गुण इस बीमारी से राहत दिलाने में मदद करते हैं. 

डायरिया की समस्या

बता दें कि डायरिया की समस्या में गूलर की भूमिका पता लगाने के लिए अध्ययन किया, इसके लिए उन्होंने जानबूझकर पहले डायरिया की समस्या पैदा की और फिर गूलर की पत्तियों का रस उपयोग किया. ऐसे में  इस अध्ययन के परिणाम सकारात्मक आए और डायरिया से राहत मिली. 

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फेफड़ों की समस्या से मिलता है निजात

बता दें कि रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन होने पर खांसी, सांस चढ़ना, सांस के साथ सीटी जैसी आवाज आना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं और इन लक्षणों को मैनेज करने में गूलर मदद करता है. ऐसे में इसके उपयोग के लिए किसी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं. 

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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