डीएनए हिंदी: गठिया किसी को भी किसी भी उम्र हो सकता है क्योंकि यूरिक एसिड शरीर में बढ़ने से ही यह समस्या होती है. खानपान से यूरिक एसिड बढ़ता है और जोड़ों के बीच गैप में जाकर ये क्रिस्टल के रूप में जमा हो जाता है. इसी वजह से जोड़ों में दर्द होता है.
यूरिक एसिड अगर आपके शरीर में बढ़ रहा है तो आप सबसे पहले अधिक से अधिक मात्रा में पानी पीएं और रफेज वाली सब्ज्यिों का सेवन करें. इससे शरीर से यूरिक एसिड बाहर निकालने में मदद मिलेगी. साथ ही आपको यहां ऐसे तीन पेय के बारे में बताएंगे जो रिसर्च में प्रूव हो चुके हैं कि ये यूरिक एसिड को कम कर जोड़ों के दर्द, सूजन और जकड़न को भी दूर करते हैं.
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ग्रीन टी- ग्रीन टी पॉलीफेनोल्स से भरपूर होती है. इसमें मौजूद एपिगैलोकैटेचिन 3-गैलेट (ईजीसीजी) जो सूजन को खत्म करने में बेहद कारगर साबित होती है. बता दें में ईजीसीजी को विटामिन सी और ई से कई गुना ज्यादा एंटीऑक्सिडेंट होता है. कई रिसर्च में यह पाया गया कि ग्रीन टी हड्डी को संरक्षित करने के साथ ही आर्थराइटिस में होने वाले दर्द को भी दूर करता है. इसे बस सोते समय नहीं पीना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद कैफीन आपकी नींद को खराब कर सकती है. वहीं पूरे दिन में इसे दो कप से ज्यादा न पीएं.
अनानास का रस- विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट का पावर हाउस होता है अनानास. इसका रस पीने से सूजन और जकड़न कम होती है. अनानास का रस मुक्त कणों को बेअसर करता है और दर्द से भी राहत दिलाता है. इसे रोजाना आप एक से दो गिलास पीने की आदत डाल लें कुछ ही दिनों में यूरिक एसिड की समस्या दूर हो जाएगी.
पानी- भले ही आपको लगे कि पानी क्या करेगा दर्द या सूजन में लेकिन आपको बता दें कि पानी आपके यूरिक एसिड में दवा की तरह काम करता है. दिन की शुरुआत अगर एक गिलास गुनगुने पानी की जाए तो आपकी आधी समस्या शरीर की दूर हो सकती है. पानी एक जादुई अमृतहै जो न केवल शरीर को हाइड्रेट करता है, बल्कि शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. पानी जोड़ों की चिकनाई बनाए रखने में मददगार होता है.
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गठिया के मरीज हैं तो इन बातों का रखें ध्यान
- बहुत अधिक वजन उठाने से बचें क्योंकि इससे जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा.
- बहुत ज्यादा जमीन पर बैठने या उठने-बैठने से बचें.
- अगर आपका वेट ज्यादा है तो उसे कम करने का प्रयास करें.
- कम से कम रोजाना 45 मिनट की वॉक करें. सप्ताह कम से कम 150 मिनट व्यायाम जरूर करें.
- विटामिन सी युक्त चीजें अधिक से अधिक लें.
- खाने में प्रोटीन की मात्रा बेहद कम कर दें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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