आए दिन होने वाला सिरदर्द किसी न किसी समस्या संकेत होता है. सिरदर्द अगर महीने में आपको 8 दिन से ज्यादा हो रहा है तो आपको इसके लेकर गंभीर हो जाना चाहिए,क्योंकि ये आपके दिल से लेकर ब्लड प्रेशर तक के लिए सही नहीं होगा. असल में ये सिरदर्द माइग्रेन का लक्षण है और माइग्रेन अपने आप में एक गंभीर समस्या है.
माइग्रेन तब और खतरनाक साबित होता है जब ये क्रोनिक माइग्रेन में बदल जाता है. क्रोनिक माइग्रेन की वजह से ही हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर और सीरियस डिप्रेशन का खतरा होता है. तो चलिए जानें माइग्रेन के कारण, खतरे क्या हैं और ये कितने प्रकार का होता है.
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माइग्रेन दो प्रकार के होते हैं
प्राइमरी माइग्रेन और सेकेंडरी माइग्रेन। प्राइमरी माइग्रेन और सेकेंडरी माइग्रेन में अंतर इतना होता है कि सेकेंडरी माइग्रेन किसी दवा के साइड इफेक्ट या किसी अन्य बीमारी के कारण होता है.सबसे ज्यादा प्राइमरी माइग्रेन ही होता है। ये एक प्रोटोटाइप सिरदर्द होता है और इसे माइग्रेन के रूप में जाना जाता है।
युवाओं में होता है सबसे ज्यादा खतरा
20-40 के लोगों में माइग्रेन सबसे ज्यादा पाया जाता है.खास कर महिलाओं में होता है. एस्ट्रोजन के स्तर में असंतुलन के कारण महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक माइग्रेन होता है.
माइग्रेन के कारण
माइग्रेन की शुरुआत के पीछे कई कारण और फूड्स जिम्मेदार हो सकते हैं। एसिडटी, तनाव, मोटापा, नींद की कमी या अधिकता, तंत्रिका संबंधी कारण, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान, बहुत अधिक गैजेट्स का यूज, महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन और आनुवंशिक कारण भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं।
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माइग्रेन के ट्रिगर को पहचानना जरूरी
माइग्रेन होने की वजह कई बार हमारे खानपान और आसपास के कंडीशन से भी जुड़ी होती है. महीने में अगर आपको 8-15 दिन सिरदर्द रहता है तो आपको यह ध्यान देना होगा कि आपके सिर दर्द का कारण क्या है. कॉफीख् चॉकलेट, पनीर, चीज, मशरूम, प्रॉसेसेड फूड, खमीर वाले खाने, गरिष्ठ भोजन, नींद की कमी या अधिकता, बहुत गर्मी या ठंडक आदि ये सब माइग्रेन को बढ़ाते हैं। वहीं, कुछ दवाएं भी माइग्रेन का कारण होती हैं।
माइग्रेन की दवाएं दिल और ब्लड प्रेशर को बढ़ती हैं
माइग्रेन की दवाओं में मौजूद ट्रिप्टॉन जैसे साल्ट दिल और ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ाते हैं. माइग्रेन के कारण मस्तिष्क की नसें सूज जाती हैं, इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और सीधे दिल पर असर होता है, इसलिए अगर आप माइग्रेन से ग्रस्त हैं तो आपको अपनी बीमारी को काबू में करने के लिए योग और मेडिटेशन का सहारा जरूर लेना चाहिए .
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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