डीएनए हिंदी : यूरिक एसिड को अगर समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो ये गठिया जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है, जो सर्दियों में काफी दर्दनाक और असहनीय हो जाता है. बता दें कि यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के घरेलू उपाय कई हैं. बशर्ते आपको उनको आजमाने का तरीका (Betel Leaf) पता होना चाहिए. बता दें कि आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी बूटियों का जिक्र मिलता है, जिनके इस्तेमाल से यूरिक एसिड की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है. इन्हीं में से एक है पान का पत्ता. दवाओं के अलावा हम इस घरेलू उपाय की मदद से यूरिक एसिड लेवल (Betel Leaf Benefits) को कंट्रोल कर सकते हैं. इतना ही नहीं इसका इस्तेमाल का तरीका भी बहुत ही आसान है. ऐसे में अगर आप इस समस्या से परेशान हैं तो रोजाना इसका सेवन जरूर करें...
यूरिक एसिड करे कम (Betel Leaf To Reduce Uric Acid)
हाई यूरिक एसिड वाले लोगों के लिए पान का पत्ता बहुत ही फायदेमंद होता है. दरअसल पान के पत्तों में ऐसे एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो ज्वॉइंट्स में होने वाली परेशानी और दर्द को कम कर सकते हैं और इससे यूरिक एसिड कम करने में मदद मिलती है. अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको पान के पत्ते का सेवन जरूर करना चाहिए. आइए जानते हैं सेवन का सही तरीका..
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ऐसे करें पान के पत्ते का सेवन
अक्सर लोग यूरिक एसिड कम करने के लिए कई घरेलू उपाय आजमाते हैं, लेकिन सही तरीका पता न होने की वजह ये सही दिशा में काम नहीं करते हैं और फिर लोग इसे कारगर न मानते हुए छोड़ देते हैं. लेकिन अगर आप यूरिक एसिड के मरीज हैं तो रोजाना पान का एक पत्ता चबाएं इससे आपका यूरिक एसिड लेवल कम हो जाएगा.
जानें क्या हैं इसके अन्य फायदे
ओरल हेल्थ में फायदेमंद
बता दें कि पान के पत्ते में एटी इंफ्लेमेटरी गुण के साथ कई रोगाणुरोधी एजेंट होते हैं, जो ओरल बैक्टीरिया से लड़ते हैं. इससे कैविटी, प्लाक और दांतों की सड़न की समस्या भी दूर होती है.
पाचन सुधारे
इसके अलावा पान के पत्ते का सेवन पाचन को हेल्दी रखने में मदद करता है. इससे पेट की गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग की समस्या दूर होती है.
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डायबिटीज कंट्रोल करे
वहीं पान का पत्ता ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से छुटकारा पाने में मदद करता है और ब्लड ग्लूकोज के कारण होने वाली सूजन को कम करने में मदद करता है. ऐसे में यह डायबिटीज की परेशानी भी दूर कर सकता है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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