Heart Attack का कारण बनती है नसों से जुड़ी ये गंभीर बीमारी, पैरों में दिख जाते हैं लक्षण

Written By Abhay Sharma | Updated: Oct 17, 2024, 12:21 PM IST

Varicose Veins Cause Heart Attack 

Heart Attack Causes: आज हम आपको नसों से जुड़ी एक ऐसी गंभीर बीमारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ा देती है. ऐसे में पैरों में दिखने वाले इन लक्षणों को अनदेखा न करें...

आजकल बढ़ती उम्र के लोगों में ही नहीं, बल्कि युवाओं में भी हार्ट अटैक (Heart Attack) जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें खराब जीवनशैली, खानपान (Bad Lifestyle) की गलत आदतें और कम फिजिकल एक्टिविटी जैसे कारण शामिल हैं. हालांकि, आज हम आपको नसों से जुड़ी एक ऐसी गंभीर बीमारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हार्ट अटैक (Heart Attack Causes) का खतरा कई गुना बढ़ा देती है. बड़ी संख्या में युवा इस गंभीर बीमारी के चपेट में आ रहे हैं. तो आइए जानते हैं क्या है ये बीमारी और शरीर में इसके लक्षण क्या दिखते हैं... 

हार्ट अटैक दे सकती है नसों से जुड़ी ये बीमारी 
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आपके हाथों या पैरों में मोटी, उभरी हुई और नीली नसें दिखाई दे रही हैं तो इन्हें नजरअंदाज न करें. दरअसल, ये नसों से जुड़ी गंभीर बीमारी 'वैरिकोज वेन्स' (Varicose Veins) का इशारा हो सकता है. ऐसी स्थिति में शरीर के निचले हिस्से खासकर पैरों में मुड़ी हुई और सूजी दिखती हैं, धीरे-धीरे इन नसों का रंग गहरा हो जाता है और बैंगनी या फिर नीली दिखने लगती हैं, इसमें आपको दर्द भी महसूस हो सकता है.

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क्या दिखते हैं इसके लक्षण?

  • नीली उभरी या मुड़ी हुई नसें
  • नसों में दर्द के साथ सूजन
  • पैरों में लगातार सूजन 
  • त्वचा पर रूखापन
  • रात में पैरों में दर्द होना
  • वेन्स के आसपास की त्वचा का रंग खराब होना
  • वेन्स का रंग सामान्य से अधिक गहरा होना

क्या हैं इस बीमारी के कारण
- ज्यादा देर तक खड़े रहने से
- वजन बढ़ना
- पैरों पर दबाव
- आनुवंशिक कारण

वैरिकाज वेन्स का क्या है इलाज? 
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जिन लोगों के पैरों में रक्त प्रवाह की समस्या है उन्हें कम्प्रेशन मोज़े पहनने चाहिए और नियमित रूप से एक्सरसाइज करना चाहिए. इसके अलावा इससे बचाव के लिए घंटों खड़े रहने से बचें, टाइट कपड़े न पहनें और लड़कियां हील्स पहनने से दूरी बनाए रखें. इसके अलावा इस बीमारी में इससे छुटकारा पाने के लिए मुल्तानी मिट्टी, एलोवेरा, हल्दी, कपूर, नीम और गुग्गुल का लेप लगाएं, 

हालांकि ऐसी स्थिति में पहले डाॅक्टर की सलाह जरूर लें. डाॅक्टर इस बीमारी के इलाज के लिए कपिंग थेरेपी, लीच थेरेपी, मिट्टी लेप और रश्मि चिकित्सा आदि की सलाह भी दे सकते हैं. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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