Heart Attack in Children: तो इसलिए बच्चों में बढ़ रहा Heart Attack का खतरा, इस वायरल इंफेक्शन से भी आ सकता है दिल का दौरा

ऋतु सिंह | Updated:May 16, 2024, 11:40 AM IST

बच्चों में हार्ट अटैक के कारण

लखनऊ में नौवीं और अमरोहा में 11वीं के छात्र से लेकर गुजरात और तेलंगाना में 15 साल से छोटे बच्चों को हार्ट अटैक (heart attack) के कई मामले सामने आए हैं. आखिर बच्चों में ये जानवाले बीमारी क्यों तेजी से फैल रही है, चलिए डॉक्टर से जानें.

बच्चों की मौत स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ा रही है. युवाओं के बाद अब ये बीमारी छोटे बच्चों को अपने घेरे में लेने लगी है. इसके पीछे एक नहीं कई वजह जिम्मेदार है और जरूरी है कि समय रहते बच्चों को इससे कैसे बचाया जाए. 

ऐसे में यह समझने की बात है कि आखिर अब बच्चों में ये जानलेवा बीमारी कैसे आ रही है. तो चलिए सबसे पहले कार्डिएक अरेस्ट के बारे में समझें और ये जानें कि बच्चों की किन आदतों के कारण ये बीमारी अब उन तक पहुंच रही है. 

क्या है कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक
कार्डिए अरेस्ट और हार्ट अटैक में बहुत अंतर है. हार्ट अटैक में हार्ट तक खून नहीं पहुंचता इसलिए अटैक आता है लेकिन कार्डिएक अरेस्ट में अचानक से हार्ट ही काम करना बंद कर देता है. 

क्यों बढ़ रही बच्चों में ये बीमारी
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.अजय शर्मा बताते हैं कि बच्चों में कार्डिए अरेस्ट या हार्ट अटैक के पीछे कई वजहें जिम्मेदार होती हैं. सबसे बड़ा इस बीमारी का कारण मोटापा है. बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी का घटना और फास्ट और जंक फूड का इनटेक बढ़ना भी एक बड़ा कारण है. इतना ही नहीं, लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप या टीवी पर जमे रहने से उनकी ये समस्या और ट्रिगर हो रही है. साथ ही रेपेरेटरी डिजीज, इंफेक्शन, कोरोना संक्रमण या सेप्सीस जैसी बीमारी भी इसकी बड़ी वजह बन रही है.

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
कार्डिएक अरेस्ट का लक्षण पहले से नजर नहीं आता है. कार्डिएक अरेटस् अचानक आता है और तब मरीज के पीठ और कंधों को थपथपाने के बाद भी कोई रिएक्शन नहीं मिलता है. मरीज की दिल की धड़कने अचानक से बहुत तेज हो जाती हैं और वो नॉर्मल तरीके से सांस नहीं ले पाता है. पल्स और ब्लड प्रेशर थम जाती है. ऐसे में दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों में ब्लड नहीं पहुंच पाता है.

मायोकार्डिटिस वायरल इंफेक्शन से भी बढ़ता है अटैक का खतरा

डॉ. अजय बताते हैं कि मायोकार्डिटिस वायरल इंफेक्शन भी बच्चों में हार्ट अटैक का कारण बन सकता है. इस इंफेक्शन से मांसपेशियों में सूजन आती है और मरीज का हार्ट कमजोर हो जाता है. ज्यादातर केस में शुरुआती ट्रीटमेंट के जरिए रिकवरी हो जाती है. लेकिन कुछ केस में थेरेपी देने के बाद भी लाभ नहीं मिलता. 

मायोकार्डिटिस वायरस की कोई दवाई नहीं है, सिर्फ जागरूकता से ही बचाव किया जा सकता है. यदि किसी मरीज को वायरल फीवर हुआ है तो कुछ दिन में खुद ही ठीक हो जाता है. यदि तीन से चार दिन में मरीज को ऐसा लग रहा है कि उसे सांस लेने में तकलीफ या सीने में जकड़न हो रहा है तो ऐसे मरीज को कॉर्डोलॉजिस्ट या डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

हार्ट अटैक से बचना है तो इन बातों का रखें ध्यान

  1. बच्चे के वजन पर ध्यान दें और उसे कम से कम रोज 1 घंटे फिजिकल एक्टिविटी जरूर कराएं.
  2. कार्डियो एक्सरसाज जैसे साइकिलिंग, जॉगिंग या क्रिकेट, बैडमिंटन और फुटबालॅ जैसे गेम खिलाएं.
  3. वीक में किसी एक दिन उसे जंक फूड दें वो भी ढेर सारे रफेज के साथ.
  4. खानपान में सलाद, हाई फाइबर सब्जियां, प्रोटीन और दालों को शामिल करें. 
  5. चिप्स, चॉकलेट या बाहर के खाने से रोंके.
  6. बच्चे को न तो भर पेट खाना खिलाएं न ही लंबे समय तक भूखा रहने दें.
  7. फ्रूट्स और अंकुरित अनाज खिलाना शुरू करें. 
  8. रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने पर ध्यान दें. 
  9. मोबाइल और टीवी 1 घंटे से ज्यादा न देखने दें.
  10. बच्चे को स्ट्रेस और अकेलेपन से बचांए.

ये बातें अगर आपने बच्चें की परवरिश की गांठ बांध ली तो आपके बच्चे एक हेल्दी और लंबी लाइफ एंजॉय कर सकेंगे. 

 (Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Heart Attack cardiac arrest heart attack in Children Cardiac Arrest symptom