डीएनए हिंदीः अमोनिया ब्लड या शरीर में टॉक्सिक की तरह (Ammonia is like a toxic in blood or body) होता है. अमोनिया की मात्रा अगर ज्यादा (High Ammonia Level) हो जाए तो ये न केवल लिवर और किडनी को सड़ाता (Risk of Liver-Kidney Damage) है बल्कि ये ब्रेन में पहुंचकर कोमा की वजह भी बन जाता है. इसके खतरे यहीं तक सीमित नहीं है, अगर अमोनिया दिमाग में पहुंच जाए तो एक अच्छा खासा इंसान अपने सोचने, समझने की क्षमता खो देता है और ये दिमाग को निष्क्रिय बनाने लगती है.
असल में जब हम प्रोटीन खाते हैं तो उसके टूटने से अमोनिया शरीर में बनता है. ये अमोनिया यूरिन के जरिये बाहर निकल जाता है, लेकिन जब लिवर और किडनी सही से काम नहीं करती तो यह बाहर नहीं निकल पाता है. शरीर में अमोनिया का लेवल बढ़ने का संकेत है कि लिवर और किडनी दोनों ही खराब हो रहे हैं. खून में कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और यूरिक एसिड की तरह ही अमोनिया का बढ़ना भी खतरनाक होता है.
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अमोनिया क्या है?
अमोनिया को एनएच3 (NH3) भी कहा जाता है. यह एक गंदा पदार्थ है, जो शरीर में प्रोटीन के पाचन के दौरान बनता है. आमतौर पर इस गंदे पदार्थ को लीवर यूरिया नामक एक अन्य अपशिष्ट उत्पाद में बदल देता है जोकि पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है.
Blood में अमोनिया क्यों बढ़ता है?
लिवर की बीमारी उच्च अमोनिया के स्तर का सबसे आम कारण है. लिवर में रक्त प्रवाह में कमी से शरीर इसे प्रॉसेस को बाहर नहीं कर पाता है, इससे ब्लड में अमोनिया का निर्माण होता है.
शरीर में अमोनिया बढ़ने से क्या होता है?
लिहाजा शरीर में अमोनिया की मात्रा अधिक होने पर वह रक्त के जरिए ब्रेन तक पहुंच जाती है. यह स्थिति व्यक्ति को कोमा में पहुंचा देती है.
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क्या उच्च अमोनिया का स्तर उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है?
बढ़े हुए अमोनिया के परिणामस्वरूप वासोडिलेशन और हेपेटिक स्टेलेट सेल सक्रियण होता है और पोर्टल उच्च रक्तचाप को बढ़ाता है, इससे ब्रेन डैमेज होना, कोमा, लीवर डिजीज, किडनी फेलियर, जेनेटिक रोग और यहां तक की मौत की वजह बन सकता है
अमोनिया की नॉर्मल रेंज क्या है?
क्लीवलैंड क्लिनिक की रिपोर्ट बताती है कि शिशुओं, बच्चों और वयस्कों में अमोनिया की नॉर्मल रेंज अलग-अलग होती है. एक महीने से बड़े बच्चे: 50 माइक्रोमोल/लीटर से कम होना चाहिए. वहीं वयस्कों में ये 30 माइक्रोमोल/लीटर से कम होना चाहिए.
अमोनिया लेवल बढ़ने के लक्षण
- उलझन
- अत्यधिक नींद आना
- भटकाव (ऐसी स्थिति जिसमें समय, स्थान और अपने बारे में याद न रहना
- मूड बदलना
- हाथ कांपना
- बेहोशी
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अमोनिया लेवल बढ़ने के कारण
इसका सबसे बड़ा कारण लीवर में खराबी है जिसकी वजह से अमोनिया शरीर से बाहर निकल पाता है. दूसरा बड़ा कारण है लीवर तक ब्लड फ्लो कम होना जिससे अमोनिया लीवर तक नहीं पहुंच पाता और लीवर के जरिए बाहर नहीं आ पाता. तीसरा कारण है हेपेटिक एन्सेफेलोपैथी जिसमें लीवर अमोनिया को ठीक से संसाधित नहीं पाता है. इसी तरह Reye’s syndrome और किडनी फेल होना भी इसके बड़े कारण हैं.
शरीर में अमोनिया कैसे कम करें
डाइट में प्रोबायोटिक्स की मात्रा बढ़ा दें और लाल मांस खाने की जगह चिकन खाएं लेकिन कम मात्रा में. प्लांट बेस्ड चीजों फल-सब्जियों, दाल और अनाज का अधिक सेवन करें जो आसानी से पच जाती हैं. खाने में ड्राई फ्रूट्स शामिल करें. स्प्राउट्स, ब्रोकोली और सरसों के साग का सेवन करें, हाई फाइबर डाइट लें, फैट बंद कर दें और प्रोटीन भी कम मात्रा में लें.
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Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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