डीएनए हिंदी: हाई ब्लड प्रेशर का कोई चेतावनी संकेत न मिलने से लोगों को लंबे समय तक पता ही नहीं चल पाता कि वे इस समस्या से ग्रस्त हैं. जब पानी सिर के ऊपर पहुंच जाता है तब कुछ लक्षण उभरने शुरू होते हैं. लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका होता है. कभी कभी पेट, जांघों और पैरों में होने वाले दर्द हाई बीपी के एडवांस स्टेज की जटिलताओं की ओर इशारा करते हैं.
अगर इन्हें नजरअंदाज किया गया तो ज्यादा खतरा पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) होने का रहता है. PAD के चलते पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों में समस्या बढ़ सकती है. इस स्थिति को खतरनाक माना जाता है और पीड़ित की मौत भी हो सकती है.
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विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि अगर हाई बीपी है तो ब्लड वेसल्स में प्लेक (कोलेस्ट्रॉल से बना मोम जैसा तत्व) जमा होने का खतरा बढ़ जाता है. इससे धमनियां संकरी हो जाती हैं और खून का बहाव धीमा पड़ने लगता है. PAD की वजह से पैरों में दर्द होता है और कसरत के दौरान खिंचाव आने का भी खतरा रहता है. पैरों में कमजोरी भी महसूस होती है.
इसके साथ-साथ पेट, जांघों और पैरों में भी PAD की वजह से दर्द बना रह सकता है. पैर के निचले हिस्से में ज्यादा दर्द महसूस हो सकता है क्योंकि कसरत के दौरान टखने वाले हिस्से को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है. पैरों में मौजूद संकरी और जाम धमनियों से ब्लड फ्लो कम होने से दर्द और खिंचाव होता है. इस वजह से चलते या सीढ़ियां चढ़ते समय भी आपके पैरों की मांसपेशियां दर्द और थकान महसूस करती हैं.
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कैसे दूर करें हाई बीपी
ब्लड प्रेशर को नॉर्मल बनाना बहुत जरूरी है ताकि आप स्ट्रोक, हार्ट अटैक या डायबिटीज की जटिलताओं को दूर किया जा सके. इसके लिए खाने में सोडियम की मात्रा कम करना जरूरी है, जो शरीर में पानी के ठहराव की वजह बनता है. ऐसे खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए जिनमें सोडियम ज्यादा पाया जाता है. शरीर के वजन पर भी ध्यान देना चाहिए और इसे घटाने की कोशिश करनी चाहिए. ब्लड प्रेशर नॉर्मल करने के लिए ये ज्यादा सटीक तरीका माना जाता है. इससे हमारी धमनियों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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